हल्द्वानी: महिलाएं भले ही हमारे समाज में भेदभाव का शिकार होती हों लेकिन वो अपने कर्म से देश के विकास में जरूर कार्य करती हैं। उन्हें हर मोर्चे पर अपनी अपनी जिम्मेदारी का अहसास होता है और वो पूरा भी करती है। उत्तराखण्ड में एक बार फिर महिलाएं पुरुषों से आगें निकली हैं।
इस बार महिलाओं ने अपने वोट करनी ताकत से पुरुषों को पीछे छोड़ा है। बात कुमाऊं मंडल की करें तो 13 विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा है। एक मात्र धारचूला विधानसभा में पुरुषों के वोट करने का आंकड़ा महिलाओं से अधिक रहा। इससे एक बात साफ है कि जिस तरफ महिला वोटरों का झुकाव होगा उस प्रत्याशी के नैया पार होने की संभावना ज्यादा होगी।
विधानसभा | कुल मत प्रतिशत | पुरुष | महिला |
द्वाराहाट | 46.88 | 38.58 | 54.78 |
सल्ट | 38.61 | 30.92 | 46.59 |
रानीखेत | 46.15 | 40.47 | 52.28 |
सोमेश्वर | 51.19 | 42.72 | 60.04 |
अल्मोड़ा | 54.65 | 49.99 | 59.68 |
जागेश्वर | 49.59 | 42.46 | 57.41 |
कपकोट | 55.88 | 50.04 | 61.82 |
बागेश्वर | 58.31 | 49.29 | 67.66 |
चंपावत | 60.20 | 56.76 | 65.70 |
लोहाघाट | 52.75 | 44.66 | 59.63 |
गंगोलीहाट | 51 | 45.32 | 54.68 |
पिथौरागढ़ | 53.17 | 47.60 | 52.40 |
डीडीहाट | 51.60 | 49.13 | 50.87 |
धारचूला | 53.31 | 51.25 | 48.75 |
महिलाओं ने दिखाया है कि वो घर के काम के अलावा देश के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी समझती हैं। हर चुनाव से महिलाओं के आरक्षण की बात होती है और ये मामला पिछले दो दशक से लटका है। महिलाएं इस तरह बढ़ चढ़कर वोट न करतीं तो मतदान प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव से भी कम रह जाता। महिलाओं का कहना है कि भले ही राजनीतिक दलों की ओर से उनके मुद्दों की अनदेखी होती रही है लेकिन वे लोकतंत्र की खातिर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी जानती हैं।
उत्तराखण्ड में 11 अप्रैल को पांचों सीटों के लिए मतदान हुआ। साल 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत में गिरावट आई है। साल 2014 लोकसभा की करें तो उस साल मतदान प्रतिशत 62.15 रहा था जो कि इस बार 57.85 प्रतिशत है।