हल्द्वानी: बुधवार को उत्तराखंड को नया मुख्यमंत्री मिल सकता है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद पैदा हुई हलचल दिल्ली तक दिखाई दे रही है। दिग्गज नेताओं का देहरादून की तरफ रुख हो गया है। वहीं भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक बुधवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में सुबह 11 बजे से होगी, जिसमें सांसद और राज्यसभा सांसद भी शामिल होंगे। इस बैठक के बाद साफ हो जाएगा कि कौन उत्तराखंड का मुख्यमंत्री होगा। इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे का नाम तय होगा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद धन सिंह रावत का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रहा था लेकिन रात होते -होते इस रेस में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने बढ़त बना ली है। उन्होंने दिल्ली से देहरादून भेजे जाने की खबरे भी सामने आ रही है। जबकि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महराज और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नाम भी चर्चा हो रही है।
विधानमंडल दल की बैठक में नया नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम देहरादून पहुंच गए हैं। बता दें कि शनिवार को भी दोनों नेता देहरादून पहुंचे थे। इनकी रिपोर्ट के बाद ही त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
बुधवार को भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी उप मुख्यमंत्री का चुनाव भी कर सकती है। उत्तराखंड के इतिहास में आज तक कोई भी डिप्टी मुख्यमंत्री नहीं रहा है। इस रेस में खटीमा से भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम चल रहा है।हालांकि पार्टी के सूत्रों ने डिप्टी सीएम बनाए जाने की संभावना से इंकार किया है।
नए मुख्यमंत्री को लेकर पहले जो स्थिति साफ नजर आ रही थी वो अब पूरी तरह से उलझ गई है। किसके हाथ में उत्तराखंड की कमान होगी ये एक रहस्य बन गया है, क्योंकि लगातार नए नाम सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड में सत्ता की कमान किस नेता के हाथों में सौंपी जाएगी, अभी यह रहस्य बना हुआ है। लेकिन सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि सरकार मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री बनाने का प्रयोग कर सकती है। यदि ऐसा हुआ तो उत्तराखंड में पहली बार कोई उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके अलावा पार्टी में नए मंत्रिमंडल में चेहरे बदलने की संभावना जताई जा रही है। ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी नए चहरों को मौका दे सकती है और वहीं कुछ पुराने दिग्गजों की छुट्टी भी हो सकती है।