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दोस्त की जान बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गई पहाड़ की महिलाएं, दरांती से किए वार


पिथौरागढ़: राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में जानवरों की आवाजाही के चलते जान का खतरा बना रहता है। पिछले सालों में जानवरों के हमलों का ग्राफ भी बढ़ा है। खासकर तेंंदुएं का आतंक सबसे ज्यादा रहता है जो मवेशियों को भी अपना शिकार बनाता रहा है। इसी तरह का एक मामला सामने आ रहा है पिथौरागढ़ के खतीगांव से, जहां घास लेने जंगल गई एक महिला पर तेंदुए ने हमला कर दिया लेकिन उनकी परिचित अन्य महिलाओं ने हिम्मत दिखाई और जान बचाने के लिए तेंदुए से भीड़ गई। महिलाओं की बहादुरी के आगे तेंदुए की एक ना चली और वह घने जंगल की ओर भाग गया। महिलाओं की इस बहादुरी की चर्चा पूरे राज्य में हो रही है।

खबर के अनुसार महिलाएं गुरुवार को रोज की तरह गांव के जंगल में घासकाटने के लिए गई थी। पुष्पा देवी (34), कुंती देवी (35) और ललिता देवी (38) ने जैसे ही अपना काम शुरू किया था तो तेंदुए ने पुष्पा देवी पर पीछे से हमला कर दिया। पुष्पा जमीन पर गिर गई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और तेंदुए से भिड़ गई। अपनी सेहली की जान मुश्किल में देख कुंती देवी और ललिता देवी भागे नहीं। उन्होंने दरांती और लकड़ी लेकर तेंदुए पर वार करने लगीं। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक संघर्ष चला। इसके बाद तेंदुआ वहां से भाग गया।

इसके बाद उन्होंने घायल पुष्पा को सड़क तक पहुंचाया, जहां से पहले निजी वाहन और फिर 108 एंबुलेंस से घायल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। महिला के सिर के पीछे, पांव में चोटें आई हैं। फिलहाल महिला की हालत में सुधार है। महिलाओं की सूझबूझ और बहादुरी से पुष्पा देवी को एक नया जीवन मिल गया। यह पहला मौका नहीं है जब खतीगांव में तेंदुए के वजह से गांव वालों को भय में रहना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा और परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। पिथौरागढ़ के वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी का कहना है कि तेंदुए के हमले से खतीगांव में महिला घायल हुई है उन्हें मुआवजा दिलाया जाएगा।

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