हल्द्वानी: राज्य के युवा शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। केवल राज्य ही बल्कि देश की विख्यात यूनिवर्सिटी भी उनकी प्रतिभा को सलाम कर रही है। बुधवार को हल्द्वानी में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के प्रो. चांसलर डॉ. आरएस बावा ने बताया कि उत्तराखंड के युवाओं की प्रतिभा को पूरे भारत में पहचान मिल रही है। डॉ. बावा ने कहा कि यूनिवर्सिटी के युवाओं ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर और ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खेलों में नए आयाम स्थापित करते हुए 46 गोल्ड, 38 सिल्वर और 49 ब्राँज मेडल हासिल कर कुल 133 मेडल यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं, जिनमें से कुल 23 मेडल उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने हासिल किए हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों ने रिसर्च, प्लेसमेंट और खेल के क्षेत्रों में भी कामयाबी हासिल की है। रिसर्च के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी ने ऑटोमेशन, आईटी, एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अब तक कुल 900 पेटेंट दर्ज किए हैं, जिनमें से 21 पेटेंट उत्तराखंड के छात्रों द्वारा फाइल किए गए हैं।
डॉ. बावा ने प्रसवर्ता में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ऑफिस ऑफ दि कंट्रोलर जनरल ऑफ़ पेटेंट डिज़ाइन एंड ट्रेड माकर्स, भारत सरकार द्वारा जारी की गई रैंकिंग में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने देशभर के विश्वविद्यालयों में पहला और ओवरऑल शैक्षणिक संस्थानों में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं वर्ष 2020 में रिकॉर्ड तोड़ पेटेंट दर्ज करके चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी आईटी के क्षेत्र में सबसे आगे रही है। रिसर्च के क्षेत्र में उत्तराखंड के छात्रों की कामयाबी बारे में बात करते हुए डॉ. बावा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में बीटेक के तहत पढ़ रहे हरिद्वार के आशीष चौरसिया ने 3 साल के भीतर 8 पेटेंट फाइल किए हैं, जिनमें से भूकंपरोधी सुरक्षा प्रणाली के तहत विकसित किया गया ‘एंटी सिस्मिक सेफ्टी सिस्टम मुख्य उपकरण है, जो प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बुनियादी ढांचे या इमारतों के गिरने के कारण लोगों को क्षतिग्रस्त होने से बचाव करेगा। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किए गए 108 स्टार्टअप में से 9 स्टार्टअप उत्तराखंड के छात्रों द्वारा शुरू कर स्वरोजगार को अपनाया गया है।
डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में उद्योग जगत की मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं के साथ 30 से अधिक अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर, इंडस्ट्री कॉलेबोरेशन के तहत 14 प्रयोगशालाएं, हॉस्पिटैलिटी स्टूडेंट्स के लिए ५ ट्रेनिंग सेंटर, ५० से अधिक विभागीय रिसर्च ग्रुप्स के साथ-साथ ३०० से अधिक इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मार्गदर्शन के तहत छात्रों को प्रशिक्षित किया जाता है। डॉ. बावा ने कहा कि आईडीसी (इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट सेल) और टीबीआई (टेकनोलॉजी बिजनेस इनक्यूटर) भारत सरकार द्वारा कैंपस में स्थापित किए गए हैं, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलोजी एनएसटीईडीबी द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो देश के शीर्ष १० इन्यूबेटरों में से एक है। इसके अतिरिक्त रिसर्च के क्षेत्र में छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा ६.५ करोड़ रुपए सालाना बजट प्रस्तावित किया गया है।
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बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मेजर ध्यानचंद छात्रवृत्ति योजना के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधत्व करने वाले खिलाड़ियो और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूनिवर्सिटी के लिए मेडल लाने वाले छात्रों को एकेडिमिक फीस में 100 प्रतिशत तक एकेडमिक फीस में छूट प्रदान करने के साथ-साथ, मुफ्त में आवास तथा भोजन के अतिरिक्त मंथली डाइट का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप स्कीम के तहत छात्रों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि प्रतिवर्ष २.५ करोड़ रुपये का विशेष बजट प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए आरक्षित रखा गया है।
डॉ. बावा ने कहा कि पिछले साल विभिन्न क्षेत्रों की 691 से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों ने यूनिवर्सिटी के 6617 से अधिक विद्यार्थियों को प्लेसमेंट ऑफर प्रदान किए हैं, जिनमें से उत्तराखंड के 216 छात्रों को विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी मिली है, तथा नौकरी पाने वाले कुल छात्रों में से 83 विद्यार्थियों को मल्टीपल ऑफर की पेशकश हुई है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य के 950 से अधिक विद्यार्थी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं तथा जिनमें से 320 विद्यार्थी हल्दवानी क्षेत्र से संबंध रखते हैं। डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में कप्यूटर सांइस इंजीनियरिंग के तहत पढ़ रहे बाज़पुर के मोहम्मद अराफात सिद्दकी को 3 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने नौकरी की पेशकश की है, जिनमें परसिस्टेंस, कोग्निजेंट तथा कैपजैमिनी शामिल है। इसके अतिरिक्त आईटी ब्रांच के तहत पढ़ रहे पिथौरगढ़ के तनुज शर्मा को एलएंडटी और कैपजैमिनी ने आकर्षक पैकेज पर नौकरी की पेशकश की है। इसके अलावा डॉ. बावा ने कहा कि बैच 2021 के छात्रों को 325 से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों ने 3000 से अधिक प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं, जिनमें कोग्निीजेंट ने 660, कैपजैमिनी 349, विप्रो 287, टीसीएस 162 और टीईएस ने 101 ऑफर के साथ सबसे अधिक नौकरियों की पेशकश की है।
डॉ. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी देश के टॉप 24 विश्वविद्यालयों में शुमार है, जिन्होंने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटिशन कॉउन्सिल से नैक A+ ग्रेड हासिल किया है और नैक से मान्यता प्राप्त करने वाली देश की सबसे यंगेस्ट और पंजाब की पहली यूनिवर्सिटी है। इसके अतिरिक्त अपने उच्च स्तरीय अकादमिक स्तर के फलस्वरूप 1 यूएस आईगेज से 7 डायमंड हासिल करने वाली पंजाब की पहली व एकमात्र यूनिवर्सिटी है तथा इनोवेशन के क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर रही है।
डॉ. बावा ने कहा कि हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर का अनुभव और प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिसके लिए यूनिवर्सिटी 68 देशों के 1 यूएस और टाइम्स रैंकिंग प्राप्त 306 विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी स्थापित करके देश की पहली यूनिवर्सिटी बन चुकी है। डॉ. बावा ने बताया कि यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल आर्टिकुलेशन प्रोग्राम के तहत छात्र यूएसए, कनाडा और ऑस्टेलिया जैसे विभिन्न देशों में पढ़ाई कर सकते हैं, जिसके तहत उन्हें ट्यूशन फीस, आवास के लिए 100 प्रतिशत तक की छात्रवृत्ति मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक 1200 से अधिक छात्र विदेश में अध्ययन के लिए जा चुके हैं और आईएलईटीएस, जीमेट, स्कॉलरशिप टेस्ट के साथसाथ वीज़ा के इंटरव्यू, आवेदन तथा दस्तावेज आदि के लिए छात्रों को यूनिवर्सिटी में एक ही छत के नीचे तैयारी करवाई जाती है।
देशभर के प्रतिभाशाली और योग्यवान विद्यार्थियों को एक सुनहरा अवसर प्रदान करते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं द्वारा ३३ करोड़ रुपए की सीयूसीईटी-2021 स्कॉलरशिप स्कीम की शुरुआत की गई है, जिसके तहत छात्रों को योग्यता और गुणव8ाा के आधार पर 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप दी जा रही है। सीयूसीईटी-२०२१ स्कॉलरशिप स्कीम के ऑनलाइन पोर्टल का विमोचन करते हुए कहा कि इस योजना के तहत यूनिवर्सिटी द्वारा करवाए जा रहे 135 अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए विद्यार्थी http://cucet.cuchd.in/ की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं तथा पिछले पांच वर्षों में अब तक तकरीबन 63000 विद्यार्थी इस स्कॉलरशिप से लाभान्वित हो चुके हैं। डॉ. बावा ने बताया कि इंजीनियरिंग, एमबीए, लॉ, फार्मेसी और एग्रीकल्चर कोर्सों के लिए यह परीक्षा देना अनिवार्य होगा।