भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी सरकार में गंगा को नाले में बदलने का फैसला इसलिए लिया ताकि नदी के तट पर बिल्डर बिल्डिंग बना सकें। उन्होनें ने हरीश रावत के बिल्डर्स को संरक्षण देने का आरोप लगाया है और अब वह बेवजह नौटंकी कर रहे हैं। कहा कि यदि नृत्य करना है तो वे राजस्थान जाएं जहां खूब सियासी डमरू बज रहा है। ये आरोप बंशीधर भगत ने अपनी पहली वर्चुअल कांफ्रेंस में लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को सियासी दांव चलकर हर की पैड़ी मामले की गेंद अब त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के पाले में फेंक दी। रावत ने हरिद्वार में अखाड़ा परिषद पहुंचकर 2016 में हुए आदेश को लेकर अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने गंगा तट से 200 के मीटर के दायरे में निर्माण ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इससे हरिद्वार के तमाम भवनों पर ढहने का संकट आ गया था। तमाम लोगों ने इससे बचाव का रास्ता निकालने का आग्रह किया। इस पर मेरी सरकार ने फैसला किया कि इन भवनों को बचाने के लिए मां गंगा के प्रवाह को एक तकनीकी नाम (गंगनहर) दे दिया जाए।
इस आदेश से भवन तो बच गए पर उससे भावनात्मक गलती हो गई। मां गंगा जहां भी जिस रूप में हैं वो गंगा ही हैं।