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उत्तराखंड में बड़ा फैसला, टीबी मरीजों के खाते में भेजा जाएगा पोषण भत्ता


देहरादून: उत्तराखंड में टीबी मरीजों को मिलने वाला पोषण भत्ता अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोग की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा। विभाग द्वारा स्वीकृत बजट को समय पर खर्च न करने पर विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई तथा भविष्य में बजट खर्च करने का टारगेट तय करने को कहा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विगत 14 एवं 15 जुलाई 2023 को आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में लिये गये निर्णयों के क्रियान्वयन को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में चिन्हित टीबी मरीजों को राज्य सरकार द्वारा निःक्षय मित्रों के सहयोग से बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को विभाग की ओर से दिये जा रहे 500 रुपए के मासिक पोषण भत्ते को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके खातों में उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिये उन्होंने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय को आशा संजीवनी ऐप के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजने के निर्देश दिये।

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विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोगों की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूकता एवं निःशुल्क जांच अभियान चलाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोग से अधिकांश लोग पीड़ित हैं और इस वंशानुगत बीमारी से ज्यादातर लोग अंजान हैं। जिसकी वहज से इस रोग के साथ नवजात शिशु जन्म ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि सिकल सेल रोग की इस चेन को तोड़ने के लिये जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर निःशुल्क जांच करेंगी। बैठक में विभागीय मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वीकृत बजट की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यह जनता का विभाग है और समय पर बजट खर्च न होने से आम लोग स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रह जाते हैं।

डॉ. रावत ने निर्माणाधीन कार्यों की धीमी प्रगति पर भी अधिकारियों के जवाब तलब किये, साथ ही उन्होंने दवा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्यूपमेंट, सैलरी व लाभार्थियों को दिये जाने वाली धनराशि समय पर खर्च न कर पाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि तय समय पर निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करने के साथ ही विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को यथाशीघ्र व्यय किया जाय, जिसकी मासिक प्रगति रिपोर्ट उन्हें भी उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।

इस अवसर पर मिशन निदेशक एनएचएम रोहित मीणा, अपर सचिव अमनदीप कौर, गरिमा रौंकली, नमामि बंसल, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, वित्त नियंत्रक दिपाली भरने निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा सहित डॉ. पंकज सिंह, डा. एम.के.मौर्य, डा. अजय नगरकर व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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