हल्द्वानी: रविवार को नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश का निधन दिल्ली में हुआ। वह उत्तराखंड सदन में रुकि थीं। उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया जहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। उनकी मौत की खबर दोपहर 12 बजे सामने आई तो पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सबसे पहले खबर पाने वाला व्यक्ति यह पूछ रहा था… क्या ये सच हैं।
इंदिरा ह्रदयेश हल्द्वानी की विधायक थी। उनका आम जन के साथ खासा गहरा संबंध था। उनके निधन को उत्तराखंड के कई राजनेताओं ने क्षति करार दिया है जिसकी भरपाई होना मुश्किल है। उनके राजनैतिक कौशल का लोहा विरोधी दल भी मानता था। उन्हें लोक अक्सर मैडम कहते थे क्योंकि उन्होंने अपना करियर बतौर शिक्षक शुरू किया था। राजनैतिक में उन्होंने अपने पराक्रम से खुद की पहचान आइरन लेडी के रूप में स्थापित की थी, जो सामाजिक मुद्दों पर जनता के साथ एक आम जन बनकर उनके समर्थन के लिए पहुंचती थी।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। सरकार ने इस अवसर पर 1 दिन का राजकीय शोक रखा गया है। इसके आदेश भी जारी हो गए हैं, हालांकि आदेश कॉपी में 14 जून की जगह 13 जून लिखा है जो एक टाइपिंग मिस्टेक प्रतीत होती है।
पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार के कार्यालय बन्द रहेंगे तथा जिस जिले में अन्त्येष्टि होगी, उस दिन वहां प्रदेश सरकार के कार्यालय बन्द रहेंगे। राज्य की राजधानी में तथा जिस जिले में अन्त्येष्टि संस्कार होगा उस दिन उस जिले में झण्डे झुकाये जायेंगे।यदि अन्त्येष्टि संस्कार उत्तराखण्ड राज्य में होता है तो पुलिस सम्मान के कृपया उपरोक्तानुसार समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।