
Uttarakhand: Pant Brothers: Kaladungi: Pahadi Product: उत्तराखंड पिछले कुछ वर्षों में स्वरोजगार की राह पर चल पड़ा है। इसका एक कारण यह भी है कि लोगों को प्रेरित करने के लिए कोई ना कोई ऐसी कहानी सामने जरूर आती है जो अपने आप एक उदाहरण बन जाती है। इस आर्टिकल में हम आज कालाढूंगी निवासी विमल पंत और विजय पंत के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर पहाड़ी उत्पादों को पहचान दी। दोनों भाइयों ने पहाड़ी उत्पादों को सप्लाई करने के लिए कंपनी बनाई और आज उसका टर्नओवर 50 लाख से ज्यादा हो गया।
स्वरोजगार बनाम सरकारी नौकरी !
कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना काल ने पहाड़ के हजारों लोगों को स्वरोजगार के रास्ते में चलने के लिए प्रेरित किया। विजय और विमल ने भी 2022 में अपने नए सफर की शुरुआत की। बताते चले कि विमल ब्रिडकुल में सहायक लेखाकार के पद पर कार्य थे तो वही विजय स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे।
पहाड़ के उत्पादों को पहचान देने के लिए दोनों ने कालाढूंगी के कमौला में मॉम्स ट्री नाम से कंपनी शुरू की। उन्होंने सबसे पहले पहाड़ी नमक तैयार किया। धीरे-धीरे इसके कई वेरिएंट भी बाजार में उतारे। इसमें भांग, लहसुन, पुदीना, मिर्च, धनिया अजवाइन आदि शामिल है।
मॉम्स ट्री का उत्पादन
इसके बाद दोनों ने चाय मसाला, छाछ मसाला, हल्दी, मिर्च, धनिया, गरम मसाला तैयार किया और फिर धीरे-धीरे विजय और विमल ने उत्तराखंड के अलावा विदेशों में भी पहाड़ के उत्पादों को पहुंचना शुरू किया। अब कालाढूंगी निवासी इन भाइयों की कहानी युवाओं के बीच भी पहुंच गई और कई युवा पहाड़ में स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ने की सोच रहे हैं।
मॉम्स ट्री में बच्चों की कैंडी, हींगदाना, अनारदाना सहित कई अन्य उत्पादन भी तैयार किए जाते हैं। कंपनी द्वारा तैयार किए गए उत्पाद मौजूद वक्त में नॉर्वे, दुबई, सिंगापुर, यूके सहित देश के कई शहरों में पहुंच रहे हैं। खास बात ये है कि दोनों भाइयों ने अपने इस काम में स्थानीय लोगों को रोजगार भी दिया ।
अब तक 500 लोग मॉम्स ट्री के साथ अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। इस बारे में मॉम्स ट्री के संस्थापकों ने बताया कि बचपन से पहाड़ में काम करने का मन था और इसीलिए स्वरोजगार की राह पर चलने का फैसला भी किया। उन्होंने बताया कि मॉम्स ट्री द्वारा जो भी उत्पादन तैयार किया जाता है, उसका कच्चा माल पहाड़ से लाया जाता है, जिससे पहाड़ के लोगों को भी रोजगार मिलता है। दोनों भाइयों की कोशिश है कि अपनी कंपनी के माध्यम से न सिर्फ शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद बाजार में ला रहे हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिले।






