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उत्तराखंड में 8 शिक्षकों की सेवा समाप्त, इस लापरवाही के चलते चले गई नौकरी


Uttarakhand News: जौनसार बावर के कालसी और चकराता ब्लॉक क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में तैनात आठ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। यह कदम शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण उठाया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इन शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था, और इस वजह से इनकी सेवाएं समाप्त करना आवश्यक हो गया था।

कालसी ब्लॉक के सरकारी विद्यालयों में तैनात जिन शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें अंबे शुक्ला, निशा यादव, सोनिया वर्मा, मधु खुराना, मौसमी थापा, गोविंद कुमार शर्मा और देवेश्वरी बेलवाल शामिल हैं। ये सभी शिक्षक लंबे समय से अपनी ड्यूटी पर अनुपस्थित चल रहे थे, जिससे उनकी भूमिका विद्यालयों में न के बराबर थी। इस संबंध में कालसी के खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली ने जानकारी दी कि शिक्षकों की सेवा समाप्ति के संबंध में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के माध्यम से आदेश प्राप्त हुए हैं और इसी के तहत कार्रवाई की गई है।

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इसके अलावा, चकराता क्षेत्र के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कोटी-कनासर की कला शिक्षिका नजाकत सुल्ताना भी काफी समय से विद्यालय में अनुपस्थित थीं। उनके लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के कारण विद्यालय प्रशासन को यह कदम उठाने की आवश्यकता पड़ी।

शिक्षकों के लगातार अनुपस्थित रहने से बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही थी, और विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती रहे। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता बनाए रखने और छात्रों के हित में लिया गया है।

विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि अब इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती के लिए नया आदेश जारी किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देशित किया है कि सभी शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें और यदि कोई शिक्षक बिना उचित कारण के अनुपस्थित रहता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह कदम शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की जिम्मेदारी और कार्यदक्षता को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की शैक्षिक विघ्न से बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।

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