देहरादून: रोडवेज की बसों में बिना टिकट यात्रा करने वाले कुछ ही देर में पकड़े जाएंगे। आर्थिक तंगी से जूझ रहा उत्तराखंड रोडवेज अब हाईटेक होने जा रहा है। बस में तमाम यंत्रों का प्रयाग होगा और गलती करने वाला तुरंत पकड़ा जाएगा। पिछले दिनों परिवहन निगम ने बोर्ड बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा की थी और कई अहम फैसले लिए गए हैं।
बसों में एक ओर जहां जीपीएस और सीसीटीवी लगाए जाएंगे तो दूसरी ओर ई-टिकटिंग मशीन से पूरा डाटा निगम मुख्यालय को पता चलता रहेगा। परिवहन निगम में ई-ऑपरेशंस लागू होने जा रहे हैं। सॉफ्टवेयर एज ए सर्विस (सास) प्लेटफॉर्म के तहत इस प्लान पर परिवहन निगम काम करेगा।
जीपीएस के बस की लोकेशन बताएगा तो वही बसों में यात्रियों की संख्या की जानकारी ई-टिकट मशीन का डाटा देगा। चलती बस में कितने यात्री सवार हैं ये सीसीटीवी कैमरे से विभाग के ऑफिसर देख पाएंगे। इन सभी के बीच बसों की दूरी और तेल के इस्तेमाल की जानकारी भी विभाग को मिलेगी यानी ये प्लेटफॉर्म तेल की चोरी पर भी शिकंजा कसेगा। सॉफ्टवेयर अपना काम करेगा और उसकी निगरानी के लिए परिवहन निगम मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
मुख्यालय को चार अलर्ट मिलेंगे
- बस की यात्रा के दौरान लाइव अलर्ट
- बिना टिकट यात्रा का अलर्ट
- बस डीजल चोरी का अलर्ट
- बस के मेंटिनेंस का अलर्ट
- बस लेट होने का अलर्ट
अगर रोडवेज इस प्लान पर काम जल्द शुरू कर देता है तो वह अपने नुकसान के आंकड़े को कम कर पाने में कामयाब रहेगा। रोडवेज की हालत पहले से पतली रहती है तो वही कभी कर्मचारी तो कभी यात्री अपने-अपने तरीके से उसे नुकसान पहुंचाते हैं। सॉफ्टवेयर शुरू होने के बाद इन गतिविधियों पर लगाम लगेगी।