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UKSSSC गड़बड़ी केस: खालिद ने अपना मोबाइल पहले ही रिसेट कर दिया था ?

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देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर विवादों में है। नकल और पेपर सॉल्विंग मामले की जांच के बीच सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेट एन. तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, एक दरोगा और एक सिपाही को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सबसे गंभीर आरोप असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन पर लगे हैं, जिनकी भूमिका पेपर सॉल्वर के रूप में सामने आई है।

SIT ने मांगी डिटेल्स

मामले की जांच कर रही एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने आयोग को पत्र भेजकर मुख्य आरोपी खालिद से जुड़ी जानकारी मांगी है। टीम ने यह भी पूछा है कि खालिद ने जिन चार परीक्षा केंद्रों के लिए आवेदन किया था, वहां कौन-कौन से दस्तावेज जमा किए गए थे। इनकी प्रतियां भी एसआईटी ने मंगाई हैं।
इसके अलावा, गुरुवार को क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया ताकि जांच में सटीक तथ्य दर्ज किए जा सकें।

मोबाइल डेटा बना चुनौती

एसआईटी के मुताबिक, खालिद ने अपना मोबाइल पहले ही रिसेट कर दिया था, जिससे फॉरेंसिक जांच मुश्किल हो गई है। फिलहाल टीम को मोबाइल की रिपोर्ट और परीक्षा केंद्र से जुड़ी जानकारी का इंतजार है। साथ ही पुलिस डंप डेटा की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि खालिद और उसकी बहन सबिया के अलावा कोई और व्यक्ति इस प्रकरण में शामिल था या नहीं।

अतिक्रमण पर भी कार्रवाई

आरोपी खालिद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन पर बनी उसकी दुकानों को बुलडोजर से गिरा दिया। बताया गया कि ये दुकानें अवैध कब्जे पर बनाई गई थीं।

पेपर लीक नहीं, नकल का मामला” – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार इस मामले में बेहद गंभीर है और किसी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह तकनीकी रूप से पेपर लीक का मामला नहीं, बल्कि नकल का है। लेकिन सरकार इसे नकल विरोधी कानून के तहत कठोर कार्रवाई के साथ देख रही है।

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