Lalkuan: Ramnagar: Vande Bharat Train: पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल द्वारा रामनगर या लालकुआं से मुंबई तक स्लीपर कोच वाली सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना पर काम तेज़ी से चल रहा है। इस परियोजना के लिए ट्रैक सुधार, नई पटरियों का निर्माण और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है। आइए जानते हैं इस योजना की प्रमुख विशेषताएँ:
1. वंदे भारत ट्रेन के संचालन में देरी का कारण
इज्जतनगर मंडल को पहले ही वंदे भारत ट्रेन मिल चुकी थी, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसका संचालन स्थगित करना पड़ा। वाशिंग लाइन की दिक्कत और ट्रैक की मजबूती की कमी के कारण इन ट्रेनों को तय समय पर शुरू नहीं किया जा सका। अब अगले छह महीनों में इन समस्याओं को हल करने की योजना है, जिससे ट्रेन का संचालन शुरू किया जा सके।
2. ट्रैक सुधार कार्य में युद्धस्तर पर काम
किच्छा में ट्रैक की मजबूती: किच्छा में बीसीएम मशीन से पत्थरों की सफाई का काम काफी दिनों से चल रहा है। पहले चार घंटे के ब्लॉक में प्रतिदिन 400 मीटर काम हो रहा था, लेकिन अब एक और मशीन मंगवाने से काम की गति तेज़ कर दी गई है। नई मशीन के आने से अब 700 मीटर तक काम पूरा किया जा रहा है।
पुरानी पटरियों का नवीनीकरण: इज्जतनगर मंडल में कई जगह 52 किलो और 60 किलो की पुरानी रेल पटरियां पड़ी थीं, जो अब बदली जा रही हैं। भोजीपुरा-मैलानी रूट पर 60 किलो की नई पटरी डाली गई है। इन ट्रैकों की मजबूती सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सेक्शनों में पटरियों का नवीनीकरण जारी है।
3. नई वंदे भारत ट्रेन का रूट और संचालन
रूट का निर्धारण: वंदे भारत ट्रेन के संभावित रूट का निर्धारण कर लिया गया है। यह ट्रेन रुद्रपुर या लालकुआं से शुरू होकर बरेली सिटी, बरेली जंक्शन, बदायूं, कासगंज और मथुरा होते हुए मुंबई तक चलेगी।
हाईस्पीड ट्रेन के लिए सुरक्षा उपाय: वंदे भारत ट्रेन की गति काफी अधिक होती है, जो इज्जतनगर मंडल के ट्रैक पर वर्तमान में सीमित है। इसके अतिरिक्त, मंडल में कई जगहों पर रेल लाइन और सड़क पास-पास हैं, जिससे वन्य जीवों के ट्रेन की चपेट में आने का खतरा रहता है। इसे रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के दोनों किनारों पर फैंसिंग लगाई जाएगी, और इस संबंध में टेंडर भी हो चुका है।
4. रेलवे ट्रैक के दोनों किनारों पर फैंसिंग का काम
वन्य जीवों से सुरक्षा: वंदे भारत ट्रेन की उच्च गति और ट्रैक के पास सड़क होने के कारण वन्य जीवों के रेल लाइन पार करने का खतरा रहता है। इसे नियंत्रित करने के लिए ट्रैक के दोनों किनारों पर फैंसिंग का काम किया जाएगा। यह कदम दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगा।
5. पुरानी रेल पटरियों का नया उपयोग
फैंसिंग और सड़कों का निर्माण: पुरानी रेल पटरियों की नीलामी के बजाय, इनका उपयोग ट्रैक की फैंसिंग बनाने में किया जा रहा है। इसी तरह, पुराने लकड़ी के स्लीपरों से रुद्रपुर स्टेशन पर एक सड़क बनाई गई है, जो मजबूती में सीसी रोड से भी बेहतर साबित हो रही है। इस उपाय से न केवल संसाधनों का पुनः उपयोग हो रहा है, बल्कि सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार हो रहा है।
6. तेज गति से हो रहे काम और अतिरिक्त मशीनों की मदद
बीसीएम मशीनों की संख्या बढ़ाने और तेज़ी से काम करने की वजह से अब रेलवे ट्रैक के सुधार कार्य में अधिक गति आ गई है। गोरखपुर से एक अतिरिक्त मशीन भेजी गई है, जिससे पांच मशीनों की मदद से पत्थरों की सफाई का काम अब तेजी से पूरा किया जा रहा है।