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शादी से 20 दिन पहले तिरंगे से लिटपकर देवभूमि पहुंचा शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट


हल्द्वानी: शनिवार को रजौरी में हुए आईईडी बलास्ट में शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर जम्मू से सेना के विशेष विमान से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा। यहां से सेना के हेलीकॉप्टर से पार्थिव शरीर को देहरादून लाया गया। खबर के अनुसार मेजर चित्रेश का पार्थिव शरीर सैनिक सम्मान के साथ मिलि‍ट्री हॉस्पिटल देहरादून रखा गया है और सोमवार को दोपहर को पार्थिव शरीर को सैनिक और राजकीय सम्मान के साथ लाया शहीद के घर लाया जाएगा।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर चित्रेश बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास जांच के लिए जा रहे थे। इस दौरान वहां लगाए गए आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट हो गया, जिसमें वो शहीद हो गए। इस हादसे से उत्तराखण्ड सदमें में है। चित्रेश की 7 मार्च को शादी थी और परिवार उसी की तैयारी कर रहा था।

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हादसे के दिन उनके साथ सबसे पहले घर में इस बारे में सूचित करने की कोशिश की  लेकिन उनकी मां ने फोन उठाया तो उन्हें बताया कि चित्रेश की तबीयत खराब है। उनके पिता शादी के कार्ड बांटने के लिए गांव गए थे और वापस आने के बाद उन्हें बेटे की शहादत के बारे में बताया गया।वहीं, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत पर दुख जताया है।घटना के बाद देहरादून और उनके गांव में मातम छा गया है। सोनू शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाला था लेकिन वो इस हालत में पहुंचेगा किसी ने सोचा नहीं था।

मेजर चित्रेश मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के पिपली गांव के रहने वाले थे। उन्हें प्यार से लोग सोनी बोलते थे।मौजूदा वक्त में उनका परिवार देहरादून के नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। बता दें कि चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे।

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