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पिता बांट रहे थे शादी के कार्ड और फिर सामने आई बेटे की शहादत की खबर


हल्द्वानी: 14 फरवरी के बाद से देश सदमें है। आतंकी हमले ने भारत के 44 जवानों की जान ले ली। पूरा देश बदले की आग में जल रहा है। पुलवामा के बाद शनिवार को रजौरी से आई खबर ने एक बार फिर कोहराम मचा दिया है। आईईडी को डिफ्यूज करते समय हुए विस्फोट में सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए। चित्रेश बिष्ट की 7 मार्च को शादी होने जा रही थी और परिवार तैयारी कर रहा था।  उनकी शादी का कार्ड भी सामने आया है जिसने सभी को भावुक कर दिया। खबरों के मुताबिक यह एक बैट हमला था, पाकिस्तानी सेना और आतंकी मिलकर भारतीय सीमा के अंदर आए और उन्होंने आईईडी प्लांट किया। जब भारतीय सेना को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने वहां सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान ब्लास्ट हुआ और सेना की इंजीनियरिंग कोर के मेजर शहीद हो गए। इस हादसे में दो अन्य जवानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर भी है।

चित्रेश बिष्ट के पिता का नाम एसएस बिष्ट है। वह उत्तराखण्ड पुलिस से दो साल पहले रिटायर हुए हैं। वही मां नाम रेखा बिष्ट है। उनका परिवार मौजूदा वक्त में देहरादून में रह रहा था। उनके एक भाई नीरज बिष्ट यूके में सेटल इंजीनियर है। चित्रेश बिष्ट ने सेंट जोसफ 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद  उन्होंने सीएमए पुणे और आइएमए में ली ट्रेनिंग। वह इंजीनियर कोर में तैनात थे।

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घटना के सामने आने के बाद राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने जम्मू कश्मीर में शहीद हुए देहरादून निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत पर दुःख व्यक्त किया है । अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि अदम्य साहस और शौर्य का प्रदर्शन करते हुए मेजर बिष्ट ने कर्तव्य पालन और राष्ट्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने शहीद के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

चित्रेश बिष्ट का परिवार मूल रूप से रानीखेत पिपली गांव जिला अल्मोड़ा का रहने वाला था। मौजूद वक्त में वह देहरादून की नेहरू कॉलोनी में रहते थे। मेजर चित्रेश मऊ में ट्रेनिंग के बाद 2 फरवरी को दून आया थे। और 3 फरवरी को गया था ड्यूटी। शादी के लिए उन्हें 28 फरवरी को घर आना था। फरवरी को पिता के जन्मदिन के मौके पर उन्होंने एक केक भेज था।  शनिवार को पिता शादी के कार्ड गांव भेजने गये थे। घर पहुंचे तो दुखद सूचना मिली। घटना के बाद उनके घर पर कोहराम मच गया।

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