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उत्तराखंड: जहां उम्मीद नहीं थी, वहाँ भी गिरी बर्फ,बीस साल बाद पर्यटकों का बदला रुख


हल्द्वानीः उत्तराखंड में भारी बर्फबारी के चलते पर्यटकों में भी काफी खुशी देखी जा रही है । जिसके बाद मौसम विभाग से एक और खुशी की खबर सामने आ रही है । मौसम विभाग की माने तो इस बर्फबारी ने बीस साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है । आज से करीब बीस साल पहले जनवरी में साल 1999 के गावों में लगभग 1150 मीटर की ऊंचाई में स्थित क्षेत्र में काफी अच्छी बर्फ देखी गई ।जिसके बाद आज बीस साल बाद फिर लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई वाले इलाको और गांवों में वही बर्फबारी देखी गई है जिसमें उत्तरकाशी जनपद, दून में राजपुर से कुछ ऊपर और मसूरी का निचला इलाके में रिकॉर्ड बर्फबारी देखी गई।

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उत्तराखंड की पहाड़ियों में अस्सी के दशक से पूर्व 1100 मीटर की ऊंचाई तक बर्फ पड़ती रही है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण उसके बाद ये इलाके धीरे-धीरे बर्फबारी से महरूम होने लगे।राज्य में बर्फबारी का लुफ्ट उठाने के लिए ंपर्यटक पहुंचने लगे हैं । जहाँ कई इलाकों में पर्यटकों के साथ व्यापारी भी इस बर्फबारी से खुश दिखाई दे रहे है । बर्फबारी को लेकर मौसम विभाग ने फरवरी तक हिमपात की आशंका जताई है । जिसमें 25 जनवरी और 26 जनवरी को 2000 मीटर वाले ऊचे क्षेत्रों में काफी अच्छी बर्फबारी की संभावना वैज्ञानिकों ने जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञनिकों शोध के अनुसार इस बार जमीन का तापमान कम है। लिहाजा, बर्फबारी के लिए अनुकूल संभावनाएं हैं।

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दरअसल अभी तक इस वर्ष ना के बराबर बर्फवारी होने से पर्यटको के साथ व्यापारी भी नाराज नजर आ रहे थे,जिसका असल थर्टी फर्स्ट में भी देखा गया था । नैनीताल और मसूरी में थर्टी फर्स्ट में नहीं के बराबर कारोबार देखा गया । जिसके बाद अब व्यापारी भी इस बर्फबारी को कारोबार के लिए संजीवनी मान रहे है । वही पर्यटकों ने भी उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की ओर रूख करना शुरू कर  दिया है ।

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