हल्द्वानी: नए साल के दूसरे दिन नागालैंड में आंतकियों से मुठभेड़ में देश ने अपने वीर जवान गोपाल सिंह माहरा को खोया। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट के रहने वाले शहीद गोपाल सिंह माहरा का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके गांव पहुंचा और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही उनके पैतृक गांव में कोहराम मच गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ गए।
उत्तराखंड बोर्ड ने करी पूरी तैयारी, अब बच्चों की बारी…
वहीं रामेश्वर घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। बता दें कि गोपाल सिंह माहरा 24 असम राइफल में तैनात थे। बुधवार को नागालैंड में हुए आतंकी हमले के दौरान वह शहीद हो गए। गोपाल सिंह माहरा एक साल बाद सेवानिवृत होने वाले थे।
इस परिवार के लिए कहर बनकर टूटा साल का दूसरा दिन, देश के लिए शहीद हुआ गंगोलीहाट का बेटा
गोपाल सिंह दशाईथल इंटर कॉलेज से हाईस्कूल करने के बाद साल 1987 में असम राइफल्स में भर्ती हो गए थे। गोपाल सिंह के घर में उनकी पत्नी बसंती, 17 वर्षीय पुत्र सौरभ और 14 वर्षीय पुत्री हिमानी है। बेटा सौरभ दिनेशपुर में पॉलिटेक्निक कालेज का छात्र है, जबकि हिमानी सरस्वती शिशु मंदिर कालीनगर में कक्षा नौ में पढ़ती है। गोपाल अगले साल रिटायर होने वाले थे।
गोपाल सिंह माहरा 4 भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनका परिवार लंबे वक्त से भारतीय सेना में सेवा दे रहा है। बड़े भाई निर्मल माहरा असम राइफल में सूबेदार के पद पर तैनात हैं। तीसरे नंबर के भाई ठाकुर सिंह सेना में पुंछ में तैनात हैं। सबसे छोटे भाई रिपुसूदन माहरा दशाईथल में दुकान चलाते हैं। गोपाल सिंह के पिताजी स्व.त्रिलोक सिंह भी असम राइफल्स में तैनात थे। सेना में उनकी बहादुरी के लिए वीरता पुरस्कार दिया गया था। पांच साल पहले पहले उनका निधन हो गया था।