हल्द्वानी: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सभी को सकते में डाल दिया है। एक बार फिर हालात पहले जैसे हो गए हैं। सरकार भी मंथन कर रही है कि कैसे लोगों को सुरक्षित रखा जाए। वहीं कोरोना वायरस के बढ़ने के साथ देश में लोगों को लॉकडाउन का डर सता रहा है। इसी वजह से महाराष्ट्र पुणे समेत अन्य शहरों से प्रवासी उत्तराखंड वापस लौट रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पुणे से पिछले एक हफ्ते में 100 से ज्यादा प्रवासी कुमाऊं पहुंचे हैं। इसमें विद्यार्थी भी हैं जो दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे थे। पिछले साल अचानक लगे लॉकडाउन के बाद लोगों की नौकरियां चले गई थी। इसके बाद सभी यातायात के साधन भी बंद थे। लॉकडाउन के बाद उत्तराखंड में तीन लाख से ज्यादा प्रवासी घर लौटे थे। दिल्ली, हरियाणा, रामपुर, मुरादाबाद से प्रवासी पैद भी घर पहुंचे थे। कइयो ने दोगुने दाम देकर टैक्सी बुक कराई थी। जब कोरोना वायरस के मामले कम हुए तो साल के अंत में वह दोबारा शहर चले गए लेकिन हालात इतनी जल्दी बदलेंगे ये किसी ने सोचा नहीं था।
महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार बेकाबू हुई तो सरकार ने पुणे समेत अन्य शहरों में लॉकडाउन लागू कर दिया। इन शहरों में उत्तराखंड के रहने वाले सैकड़ों लोग होटल क्षेत्र में हैं और अब वह गांव लौटने लगे हैं। इसके अलावा कई ऐसे शहर जहां हालात बिगड़ने लगे हैं और लॉकडाउन जैसी घोषणा हो सकती है, इसे देखते हुए भी प्रवासी उत्तराखंड वापस लौट रहे हैं।
फिलहाल लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार ने कोई फैसले नहीं किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार राज्य व जिलों के हिसाब से कोरोना वायरस की रफ्तार को देखते हुए ही फैसला लेगी। एक बार में लॉकडाउन लगाना देश को एक बार फिर आर्थिक नुकसान पहुंचा सकता है और इससे सरकार अच्छी तरह से वाकिफ है।