हल्द्वानी: सपने हर कोई देखता है उसकी तरफ बढ़ने वाले कदम कामयाबी की राह दिखाते है। उत्तराखण्ड की युवा अपने हुनर से ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। काम ऐसा जो पीढ़ियों को उदाहरण पेश कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।
एक ऐसा ही नाम है विकास सिंह बिष्ट। पेशे से साइबर एक्सपर्ट विकास बिष्ट छोटी से उम्र में कई बड़े काम कर चुके हैं। पिछले साल गूगल की गलती खोजने के बाद वो खबरों में थे। गूगल ने उन्हें सम्मान के तौर पर विकास को 100 डॉलर की प्रोत्साहन राशि भी दी थी। बता दें कि गूगल में दुनियाभर के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट ने गलतियां ढूंढी हैं। इसमें विकास का नंबर 322वां था।
एक बार फिर दुनिया की विख्यात माइक्रोसॉफ्ट में विकास सिंह बिष्ट ने गलती ढूंढ निकाली। माइक्रोसॉफ्ट में डोमेन डाईजैकिंग बग को ढूंढ निकालने वाले विकास सिंह बिष्ट ने अपने काम से पूरे देश में राज्य का नाम रोशन किया। वहीं विकास के कार्य से प्रसन्न होकर माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से विकास को 2.21 लाख रुपये का ईनाम दिया है।
मूल रूप से जिले पिथौरागढ़ के सुदूर गांव मिर्थी के रहने वाले विकास बिष्ट के पिता चंदन सिंह बिष्ट अध्यापक हैं और धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में पढ़ाते है। विकास को बचपन से आईटी क्षेत्र में नाम कमाना था। उन्होंने इसके लिए मेरठ का रुख किया और इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी का कोर्स किया है। इस वक्त विकास देहरादून की इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस संस्था के चीफ ऑपरेशन ऑपरेटर के तौर पर काम कर रहे हैं। विकास ने हल्द्वानी में निर्धन छात्रों के लिए निशुल्क साइबर कोर्स भी शुरू किया। उन्होंने कहा कि महंगाई के कारण कई छात्र इस कोर्स को नहीं करते है और उन्ही छात्रों को मदद करने के लिए उन्होंने निशुल्क कोर्स शुरू किया।