देहरादून: जिंदगी में कब किस मार्ग पर खड़ा कर दे किसी को नहीं पता। जिंदगी का नाम ही सुख-दुख है। हर घर की एक अपनी कहानी होती है। कुछ दर्दनाक तस्वीर सामने लाती है तो कोई पूरे समाज के लिए मिसाल मन जाती है। समाज के लिए उदाहरण बनने के लिए इंसानियत दिखाना जरूरी है, उसके लिए समाज की सोच से कुछ अलग करना होता है। उत्तराखण्ड के परिवार के कदम ने उन्हें पूरे भारतवर्ष में आर्दश बना दिया। मामला देहरादून के बालावाला का है। जहां बेटे की मौत के बाद सास-ससूर ने अपनी विधवा बहू की शादी कराकर ना सिर्फ उसका घर बसाया बल्कि समाज के करोड़ो लोगों को एक अच्छी सोच दी।
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देहरादून के बालावाला के रहने वाले विजय चंद के बेटे संदीप की शादी साल 2014 में कविता से हुई थी। पूरा परिवार खुशी से जी रहा था लेकिन साल 2015 में एक हादसा हुआ और संदीप की मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। कविता की मानों दुनिया उजड़ गई। इस दुख की घड़ी में कविता के सास-ससूर ने माता-पिता जैसा प्यार दिया और उसकी हिम्मत बनें। इस हादसे के बाद कविता अपने मायके जाने पर विचार कर रही थी लेकिन उसके सास-ससुर उसका दोबारा घर बसाना चाहते थे।
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बहू की जिंदगी में आया सूनापन सास-ससुर को ने समझा और बेटी की तरह उसका विवाह ऋषिकेश के रहने वाले तेजपाल सिंह से कराया। सास-ससुर ने अपनी बहू कविता का कन्यादान किया और उसे नम आंखों से विदा किया। कविता का घर दोबारा बस गया और ये ही तो सास-ससुर की इच्छा थी। समाज में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो विधवा विवाह को लेकर सवाल खड़े करते हैं लेकिन कविता के सास-ससुर के इस कदम ने पूरे राज्य ही नहीं बल्कि देश में मिसाल पैदा की है।