Rudraprayag News

अगस्त्यमुनि ब्लॉक के रघुवीर लाल बने उत्तरप्रदेश में पुलिस कमिश्नर, गांव में जश्न का माहौल

Raghuveer Lal
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रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से एक बार फिर गर्व का पल सामने आया है। अगस्त्यमुनि ब्लॉक के छोटे से गाँव मणिगुह के बेटे रघुवीर लाल को उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। इस खबर के सामने आते ही न सिर्फ गाँव में, बल्कि पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। मिठाइयाँ बंटी, बधाइयाँ दी गईं…और हर किसी के चेहरे पर गर्व साफ नजर आया।

रघुवीर लाल का जीवन सफर किसी प्रेरक कहानी से कम नहीं है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई मणिगुह के प्राथमिक विद्यालय से की, इंटरमीडिएट गणेशनगर से और फिर स्नातक की शिक्षा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि से पूरी की। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से निकलकर 1997 बैच के आईपीएस बनने तक का सफर उन्होंने अपनी मेहनत, अनुशासन और ईमानदारी से तय किया।

अब तक वे लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) के पद पर तैनात थे…लेकिन हालिया ट्रांसफर में उन्हें उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर का पुलिस आयुक्त बनाया गया है…जो कि राज्य के सबसे बड़े और चुनौतीपूर्ण पुलिस पदों में से एक है।

इस गौरवपूर्ण नियुक्ति पर विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल ने कहा कि यह पूरे रुद्रप्रयाग के लिए गर्व का क्षण है। रघुवीर लाल की सफलता हमारे युवाओं के लिए एक मिसाल है। उन्होंने यह साबित किया है कि पर्वतीय क्षेत्र के बच्चे भी ऊँचाइयों को छू सकते हैं।

ब्लॉक प्रमुख अगस्त्यमुनि भुवनेश्वरी देवी जो रघुवीर लाल की भाभी हैं उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि रघुवीर ने हमेशा अपने मूल्यों को प्राथमिकता दी। आज उनकी सफलता सिर्फ हमारे परिवार की नहीं…बल्कि पूरे जिले की सफलता है।

रघुवीर के भाई महावीर लाल ने बताया कि बचपन से ही रघुवीर में कुछ अलग था। लगन, ईमानदारी और अनुशासन ने उन्हें यहाँ तक पहुँचाया। आज पूरा गाँव पूरा क्षेत्र उन पर गर्व करता है।

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि के प्राचार्य ने भी खुशी जताते हुए कहा कि हमारे कॉलेज के लिए यह एक गौरव का विषय है। रघुवीर लाल हमेशा से मेधावी छात्र रहे हैं। उनकी उपलब्धि हमारे छात्रों को प्रेरित करेगी।

वहीं गाँव मणिगुह में तो जैसे त्योहार का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बांटी और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। ग्रामीणों ने कहा कि यह हमारे लिए सपना साकार होने जैसा है। रघुवीर जी ने यह साबित कर दिया कि पहाड़ों के बच्चे अगर ठान लें…तो कुछ भी असंभव नहीं।

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