हल्द्वानी: पहला मैच गवांने के बाद विजय हजारे ट्रॉफी में टीम उत्तराखण्ड ने शानदार वापसी की है। दूसरे मैच में पॉंडिचेरी को हराने के बाद उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम ने नागालैंड को 6 विकेट से हराया है। इस मुकाबले में उत्तराखण्ड के गेंदबाज और बल्लेबाजों दोनों ने कमाल का प्रदर्शन किया। दोनों ने दिखाया कि इस टीम में संयम और धैर्य दोनों है।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी नागालैंड की टीम को उत्तराकण्ड के गेंदबाजों ने पहली बॉल से बैकफुट पर रखा। टीम उत्तराखण्ड ने पहले 10 ओवर में नागालैंड के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया था। चौथे विकेट के लिए जॉनाथन और जीमोनी ने अगले 10 ओवरों में 50 रन जोड़े। साझेदारी उत्तराखण्ड के लिए मुश्किल पैदा करती उससे पहले मंयक मिश्रा ने जीमोनी को बोल्ड कर टीम को चौथी सफलता दिला दी। इसके बाद नागालैंड के नियमित अंतराल में विकेट गिरते रहे और पूरी टीम निर्धारित 50 ओवर में केवल 205 रन बना सकी। उत्तराखण्ड की ओर से गेंदबाजी में सबसे ज्यादा दीपक धपोला ने 4 विकेट अपने नाम किए। वहीं मयंक मिश्रा को दो, डीके शर्मा , सन्नी और रंगाराजन 1-1 विकेट लेने में कामयाब हुए। नागालैंड की ओर से अबरार ने सबसे ज्यादा 75 रनों का योगदान दिया।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी उत्तराखण्ड की शुरुआत बेहद खराब रही। पिछले मैच के हीरो करनवीर कौशल और वैभव भट्ट शून्य पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद तीसरे विकेट के लिए विनीत सक्सेना और वैभव पवार ने 111 रन जोड़े और मूमेंटम उत्तराखण्ड की ओर कर दिया। विनीत ने 43 रन और वैभव 63 रन की पारी खेली। उत्तराखण्ड ने अगले 2 विकेट 9 रनों के भीतर खो दिए और मुकाबला बराबरी पर आ गया था। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए रजत भाटिया (कप्तान) और सौरभ रावत ने टीम को संकट से उभारा और संयम से खेलते हुए टीम को लक्ष्य के पास पहुंचाने का काम शुरू कर दिया। दोनों ही बल्लेबाजों ने अपने अनुभव का इस्तेमाल किया।
बता दें कि सौरभ रावत उत्तराखण्ड से पहले ओडिशा रणजी टीम के सदस्य थे वही रजन भाटिया दिल्ली के लिए खेलते थे। दोनों ने नागालैंड के गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। रजत भाटिया आराम से खेल रहे थे तो वहीं सौरभ अपने आक्रमक अंदाज में थे। सौरभ ने मात्र 45 गेदों में नाबाद 60 रनों सी शानदार पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई। कप्तान रजन भाटिया ने महत्वपूर्ण 31 रन बनाए। दोनों ने पांचवे विकेट के लिए 90 रनों की साझेदारी की।