हल्द्वानी: विजय हजारे ट्रॉफी गुरुवार को उत्तराखण्ड के लिए एतिहासिक पल लेकर आया। टीम राज्य गठन के 18 साल बाद पहली बार घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए मैदान पर उतरी। मौका बड़ा था लेकिन वह उस अंजाम तक नहीं पहुंचा। बिहार के खिलाफ पहले मुकाबले में उत्तराखण्ड को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
टॉस हारकर पहले बल्लेबजी करने उतरी उत्तराखण्ड की शुरूआत खराब रहीं और दूसरे ओवर में करनवीर (13 रन बनाए ) के रूप में उसे पहला झटका लगा। इसके बाद उत्तराखण्ड के लगातार विकेट गिरते चले गए और टीम को संभलने का मौका नहीं मिला। उत्तराखण्ड की पूरी टीम 43.2 ओवर में केवल 160 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। बल्लेबाजी में उत्तराखण्ड की ओर से सबसे ज्यादा विनीत सक्सेना ने 57 और दीपक धपोला ने 38 रन बनाए। वहीं वैभव भट्ट 2, सौरभ रावत शून्य,रजत भाटिया 6, वैभव पवार 16,रंगाराजन शून्य, मंयक मिश्रा 11,डीके शर्मा एक और सनी ने 2 रनों का योगदान दिया। बिहार की ओर से समर कादरी और नारायण सिंह ने 3-3 विकेट लिए। वही रिहान खान दो , प्रज्ञान ओझा 1 और केशव कुमार को 1 विकेट मिला।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी बिहार की टीम ने समझदारी भरी बल्लेबाजी की। बिहार के सलामी बल्लेबाजों आशीष सिंह और विकास राजन ने पहले विकेट के लिए 36 रन जोड़े। आशीष सिंह 16 रन बनाकर वैभव भट्ट के हाथों रन आउट हुए। दूसरे विकेट के लिए भी विकास ने बाबुल कुमार के साथ मिलकर 42 रनों की साझेदारी की। बाबुल रंगाराजन का शिकार हुए। विकास राजन इसके बाद भी अपनी पारी आगे बढ़ाते रहे और उन्होंने शानदार फिफ्टी जमाई।
तीसरे विकेट के लिए उन्होंने केशव कुमार के 66 रनों की साझेजारी कर उत्तराखण्ड को मुकाबले से बाहर कर दिया। विकास 79 रनों पर मयंक मिश्रा के हाथों रन आउट हुए। बिहार की टीम ने लक्ष्य तक पहुंचे से पहले केशव कुमार (33 आउट सनी) और राज (1 आउट मयंक मिश्रा) के रूप में विकेट जरूर खोया लेकिन उसकी क्रिकेट ने उत्तराखण्ड को ये जरूर बताया कि क्रिकेट धैर्य का खेल है। बिहार ने 37.3 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। उत्तराखण्ड की टीम पहली बार इस तरह का टूर्नामेंट खेल रही है और उसे जल्द अपने आप इस तरह के माहौल में ढालना होगा।