हल्द्वानी: आखिरकार उत्तराखण्ड का बुरा सपना खत्म हो गया। रणजी ट्रॉफी के अपने आखिरी मैच में उत्तराखण्ड को महाराष्ट्र ने 67 रनों से हराया। ये सीजन टीम के लिए बुरे सपने की तरह रहा, 9 मुकाबलों में से टीम को 7 में हार का सामना करना पड़ा। दो मैच ड्रॉ रहे। इस मुकाबले में उत्तराखण्ड पहले दिन के खेल के बाद फेवरेट था लेकिन खराब बल्लेबाजी टीम को ले डूबी। खराब बल्लेबाजी ने डेब्यू कर रहे कमल कन्याल के पहली पारी के शतक और दूसरी पारी की फिफ्टी पर भी पानी फेरा। उत्तराखण्ड टीम अपने ग्रुप में आखिरी स्थान पर रही और अगले सीजन में उसे प्लेट ग्रुप में खेलना होगा।
इस मैच की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करने उतरी महाराष्ट्र को उत्तराखण्ड ने 207 रनों पर ढेर कर दिया था। गेंदबाजी में अग्रिम तिवारी 3, प्रदीप 3 और मयंक मिश्रा को 2 विकेट मिले। टीम के पास बड़ी बढ़त बनाने का मौका था और कमल के 101 रनों की पारी ने उन्हें मंच भी दे दिया था लेकिन खराब बल्लेबाजी ने मंसूबों में पानी फेर दिया। पहली पारी में उत्तराखण्ड की टीम 251 पर आउट हो गई। टीम की बढ़त केवल 44 रही। महाराष्ट्र ने इस मौके का फायदा उठाया और दूसरी पारी में 313 रन बनाए। गेंदबाजी में सन्नी राणा ने 7 विकेट झटके। जीत के लिए उत्तराखण्ड को 270 रन बनाने थे। फॉर्म को देखकर तो ये लक्ष्य आसान नहीं। पहला विकेट जल्दी गिरा लेकिन दूसरे विकेट के लिए कमल कन्याल और दिक्षांशु नेगी ने 78 रन जोड़े। दिक्षांशु 38 रन बनाकर आउट हुए। नाइट वॉचमैन मयंक मिश्रा ने 21 रन जोड़कर अपना काम किया, जबकि अर्धशतक बनाने के बाद कमल आउट हो गए। इसके बाद महाराष्ट्र ने उत्तराखण्ड के किसी भी बल्लेबाज को विकेट में टिकने नहीं दिया और मुकाबला अपने पक्ष में कर दिया। उत्तराखण्ड ने अंतिम 7 विकेट 60 रनों के भीतर खो दिए।