हल्द्वानी: जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो लगा नहीं था कि ये लड़का इतिहास रचेगा। बच्चों को हम केवल सपोर्ट कर सकते थे लेकिन असली मेहनत तो उसी ने की है। यह कहना है हल्द्वानी के ( हल्द्वानी क्रिकेटर्स क्लब) सौरभ रावत के पिता आनन्द सिंह रावत का। सौरभ रावत ने सिक्किम के खिलाफ उत्तराखण्ड के लिए पहला दोहरा शतक जमाकर इतिहास रच दिया है। पहली बार घरेलू क्रिकेट में भाग ले रही उत्तराखण्ड टीम के लिए ये पल क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम शब्दों में दर्ज हो गया है। इससे पहले विजय हजारे में करणवीर कौशल की 200 रनों की पारी ने राज्य का नाम क्रिकेट जगत में वायरल कर दिया है।
सौरभ रावत ने प्रथम श्रेणी के पहले शतक को 200 में तब्दील किया जो शानदार है। उन्होंने टीम के लिए एक बार फिर संकटमोचक पारी खेली है जिसकी बदौलत टीम उत्तराखण्ड ने मैच में पूरी तरीके से पकड़ बना ली है। जिस टीम ने 40 रनों के भीतर 4 विकेट खो दिए थे वो अब 500 रनों के करीब पहुंच गई है। सौरभ रावत ने 381 गेंदों में शानदार 220 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी में उन्होंने 6 छक्के और 14 चौके जमाए। उन्होंने पहले कप्तान रजत भाटिया के साथ 208 और फिर वैभव भट्ट के साथ 221 रनों की साझेदारी की। रजत भाटिया ने शानदार 121 रन बनाए।
सौरभ के दोहरे शतक के बाद परिवार में काफी खुशी है। पिता आनन्द सिंह रावत ने बताया कि खुशी है कि उसने अपने क्रिकेट खेलने के फैसले पर कामयाबी पाई है।हर कोई क्रिकेटर्स की जिंदगी को आसान सोचता है लेकिन असल में इस कामयाबी के राह में कई बार तनाव का सामना करना पड़ता है। सौरभ की मेहनत ने आज उसे ये कामयाबी दी है और हम उम्मीद करते हैं कि वो आगे भी इसी तरह से क्रिकेट के मैदान पर ऐसा प्रदर्शन करेगा। बता दें कि सौरभ के पिता आन्नद सिंह रावत एनएचपीसी बनबसा में कार्यकृत है वहीं मां गीता रावत हाउस वाइफ है।
बता दें कि सौरभ रावत उत्तराखण्ड के पहले उडिसा के लिए रणजी खेल चुके है। बात 2018-2019 सीजन की करें तो सौरभ शानदार फॉर्म में है और अब तक 4 फिफ्टी और 1 दोहरा शतक जमा चुके हैं। सौरभ की सभी पारियों ने टीम को संकट से उभारा है।