नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल में बढ़ते हुए वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए नया प्लान तैयार किया जा रहा है। जो सैलानी नैनीताल के जाम से परेशान रहते थे अब उन्हें ये प्लान राहत देगा। पर्यटन विभाग कालाढूंगी या रानीबाग से नैनीताल तक रोपवे की योजना बना रहा है। प्रदेश के पर्यटन सचिव दलीप जावलकर ने बृहस्पतिवार को रोपवे के के लिए प्रस्तावित भूमि के दोनों छोर देखे। उन्होंने बताया कि करीब 800 करोड़ रुपये से 11 किमी लंबा रोपवे बनेगा। यह रोपवे सीबीआरई साउथ कंपनी के सहयोग से बनाया जाएगा।
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पहला विकल्प रानीबाग, ज्योलीकोट, हनुमानगढ़ी बताया जबकि दूसरा विकल्प कालाढूंगी से केव गार्डन है। रोपवे के टर्मिनल के लिए कालांढूगी स्थित उद्यान विभाग की नर्सरी समेत कालाढूंगी-हल्द्वानी मार्ग पर छोटी हल्द्वानी के हुड़किया चौड़ जंगल समेत दोनों रूटों की जमीन देखी।अभी रोपवे पीपी मोड पर चलाने पर विचार है। इसे अलावा लोगों को इस इस यात्रा से नुकसान ना हो उसके लिए रोप-वे का किराया बस के बराबर रखने पर विचार किया जा रहा है। बता दे कि पिछले लंबे वक्त से नैनीताल में पार्किंग की समस्या सामने आ रही है। प्रशासन द्वारा जगह खोजने पर मंथन किया जा रहा है लेकिन अभी वो पार्किंग के लिए भूमि नहीं मिल सकी है। शुक्रवार को वह इस मामले में कमिश्नर राजीव रौतेला से भी चर्चा करेंगे।
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इस दौरान केएमवीएन के एमडी धीराज सिंह गर्ब्याल, जीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़, प्रशांत, सीबीआरई कंपनी के आरोहण मेहंदीरत्ता, रणवीर सिंह मिनहास, कालाढूंगी रेंजर अमित ग्वासाकोटी, हल्का पटवारी गिरीश तिवारी, सहकारी समिति अध्यक्ष शेखर जोशी, जनसेवा कमेटी अध्यक्ष जाहिद हबीबी, गीता चौधरी, भूपाल बोरा, इमरान खान आदि थे।
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बता दें कि इस साल पर्यटन सीजन में सैलानियों को नैनीताल पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर में जगह होने के कारण उन्हें सरोवर नगरी में घूसने नहीं दिया गया। वहीं लगातार बढ़ रही वाहनों की संख्या के कारण नैनीताल में जाम स्थिति भी पैदा हो जाती है तो सिर दर्द का कारण होती है।