हल्द्वानी: राज्य में फर्जी हॉस्पिटलों व डॉक्टरों की संख्या को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुक अपनाया है। नैनीताल हाई कोर्ट ने प्रदेश में चल रहे बगैर लाइसेंस के अस्पतालों और क्लीनिक को तत्काल बंद करने के दिए निर्देश। कोर्ट ने राज्य सरकार को सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में इलाज, ऑपरेशन और टेस्ट के लिए एक माह के भीतर फीस तय करने के भी आदेश दिए है।
वहीं कोर्ट ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को आदेश दिए है की वो बेवजह मरीजो का डायग्नोस्टिक टेस्ट न करने के आदेश दिए है।कोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जनता को केवल जेनरिक दवा देने के दिए आदेश।ब्रांडेड दवा खरीदने के लिए दबाव ना बनाने के भी निर्देश दिए है। बता दें कि पिछले कुछ वक्त में उत्तराखण्ड समेत देशभर से हॉस्पिटल की मनमानी सामने आ रही थी। इस बारे में जनता द्वारा सोशल मीडिया पर मामले शेयर किए जा रहे थे। वहीं राज्य के कई हॉस्पिटल अपने मुनाफे के लिए मरीजों को महंगी दवाई देते हैं। वहीं टेस्ट के नाम पर भी मरीजों से लूट की जाती है। कोर्ट के इस फैसले से जनता की जैब पर डकैटी कर रहे हॉस्पिटलों पर लगाम लगेगी।