हल्द्वानी: बेटी संघर्ष कर रही है तो हम उसे अकेला कैसे छोड़े, ऐसा राज्य के सीएम त्रिवेंद्र रावत की सोच है। तीन महीने पहले बेंगलुरू में सड़क हादसे का शिकार हुई एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा और राष्ट्रीय स्तर की एथलीट गरिमा जोशी का हाल जानने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बेंगलूरू पहुंचे। बता दें कि पिछले हफ्ते गरिमा के सड़क हादसे के बारे में खबर वायरल हो गई थी। उसके बाद पूरे राज्य में गरिमा की मदद के लिए मुहीम शुरू हुई। उसी दौरान सरकार ने पूर्ण रूप से गरिमा का इलाज करने का ऐलान किया।
गरिमा जोशी मूल रूप से रानीखेत की रहने वाली हैं। वह एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा है।गरिमा जोशी मई में राष्ट्रीय स्तर की मैराथन में हिस्सा लेने के लिए बेंगलूरू गई थी। इसी बीच 21 मई को स्टेडियम से बाहर निकलते वक्त किसी वाहन ने गरिमा को टक्कर मार दी जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। तब से गरिमा बंगलूरू में ही इलाज करा रही है। यह भी बता दें कि गरिमा का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। उसके पिता किसान। वहीं माता भी गंभीर बीमारी से पीड़ित और उनका इलाज चल रहा है।
गरिमा के पिता ने पूरन चंद्र जोशी ने बताया कि मंगलवार शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गरिमा को देखने के लिए बेंगलूरू पहुंचे। उन्होंने गरिमा का हाल पूछा। सीएम ने गरिमा के पिता से फोन पर बात की और सीएम रावत ने वहां से पूरन जोशी से भी फोन पर बात की और इलाज में पूरी मदद करने का भरोसा दिलाया है। पिता पूरन जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्य के खेल मंत्री अरविंद पांडे, विधायक महेश नेगी सहित उन्हें सहयोग करने वाले अन्य जनप्रतिनिधियों का आभार जताया है। इसके अलावा पूरन जोशी ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके बैंक खातों में मदद भेजने वाले लोगों का भी धन्यवाद किया।