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खेतो में पत्थर फेंक पहाड़ की बेटी बनी नेशनल प्लेयर, देश के लिए ओलंपिक मेडल लाना लक्ष्य


देहरादून: छोटे शहरों से या बिना किसी सोर्स के बड़ा काम करना हमारे देश की युवा पीढ़ी को आता है। बात खेल की करें तो अधिकतर खिलाड़ियों ने अपने सपने साकार करने के लिए काफी कुछ साहा है। ऐसा ही नया उदाहरण है जलेथा गांव की वंदना जो राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही है। गांव के खेतो में पत्थर फेककर अपने करियर को दिशा देने वाली वंदना के परिश्रम से देवभूमि गर्व महसूस कर रहा है। इस कामयाबी के बाद वंदना काफी खुश है उसके अनुसार यदि उसे सभी तकनीकी सुविधाएं और खेल को लेकर अन्य प्रोत्साहन भी मिले तो वह विश्व फलक पर देश के लिए पदक लाने की तमन्ना रखती है।

जलेथा गांव की वंदना ने जनवरी 2016 में केरल के कोच्चिकोड में हुए नेशनल स्कूल खेलों में चक्काफेंक प्रतियोगिता में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया था। इस साल बीते तीन अक्टूबर को महाराणा प्रताप स्पोर्टस कॉलेज देहरादून में हुए प्रदेश स्तरीय स्कूली खेलों में वह फिस से प्रदेश की टीम में चुनी गई। वंदना हरियाणा के पंचकुला में आयोजित होने जा रहे नेशनल स्कूल खेलों में चक्काफेंक को लेकर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगी। क्षेत्र की जनता को भी गांव की इस बेटी पर गर्व है। जलेथा के पंचायत चौक में आयोजित एक समारोह में ग्राम प्रधान गुड्डी देवी ने क्षेत्र की जनता की ओर से उसे ट्राफी और मेडल देने के साथ ही उसका अभिनंदन भी किया।इस अवसर पर वंदना के माता-पिता को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। वंदना के पिता कृष्ण कुमार ने जनता का आभार व्यक्त किया। ग्रामसभा की सदस्य सुमति देवी भंडारी, चंद्रमोहन सिंह राणा, प्रभा देवी पुंडीर, भागा देवी ने भी खेल क्षेत्र में वंदना की उपलब्धियों को जलेथा के लिए गौरव की बात कहा।

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न्यूज सोर्स-दैनिक जागरण

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