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स्वर्वेद मंदिर बनने में लगे 20 वर्ष, कई वजहों से दुनियाभर में हो रही है अद्भूत मंदिर की चर्चा


Swarved Mandir Varanasi: वाराणसी में पिछले 20 वर्षों से बन रहे भव्य स्वर्वेद मंदिर को विश्व का सबसे बड़ा मैडिटेशन सेंटर बताया जा रहा है, जिसकी विशेषता और भव्यता सभी को आकर्षित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बने इस भव्य और अद्भुत मंदिर की विशेषताएं आपको भी मंत्रमुग्द करने के लिए पर्याप्त हैं।


अद्भुत वास्तुकला के प्रतीक के रूप में चर्चित यह मंदिर 7 मंजिला है जहाँ एक ही समय पर एक साथ 20 हज़ार लोग ध्यान लगा सकते हैं। स्वर्वेद मंदिर का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है। स्व: और वेद. स्व: का एक अर्थ है आत्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान. स्व: का दूसरा अर्थ है परमात्मा,वेद का अर्थ है ज्ञान।

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मंदिर होने के बावजूद यहाँ पूजा विधि से नहीं बल्कि भगवत प्राप्ति के लिए ध्यान लगाने व स्वयं को एवं मानव जीवन को समझने के लिए दोहों को माध्यम बनाकर बौद्धिक विकास के लिए सभी श्रद्धालुओं को प्रेरित किया जा रहा है जिसके लिए मंदिर के सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं, बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें।

64 हज़ार स्क्वायर फ़ीट में बने इस मंदिर की कुल लागत 35 करोड़ से ज़्यादा की बताई जा रही है जिसकी ऊंचाई 180 फ़ीट है और इस मंदिर में उपयोग किए गए मकराना मार्बल में 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं और इसके शीश पर विराजित मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है।

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