Uttarakhand news: उत्तराखंड में रिश्वत और घूसखोरी के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। एक बार फिर विजिलेंस की टीम को एक बार फिर से सफलता हासिल हुई है। विजिलेंस की टीम ने उत्तराखंड परिवहन निगम के काशीपुर डिपो में छापा मारकर सहायक महाप्रबंधक को 9,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ( Vigilance team arrested Roadways assistant manager )
रिश्वत न देने पर बसों का संचालन रोक देते थे
शिकायतकर्ता (अनुमोदित बस के संचालक) मनीष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड परिवहन निगम के काशीपुर डिपो के सहायक महाप्रबंधक उनकी अनुबंधित बसों के रूटों के निर्धारण तथा सही समय पर चलाने के उनसे रिश्वत की मांग करते थे। रिश्वत ना देने पर उनकी बसों का संचालन नहीं होने देते थे और चालक नहीं है कहकर गाड़ियों को खड़ा कर देते थे। कभी-कभी तो परिचालक को ही रास्ते से ही वापस बुला लेते थे।( Vigilance team arrested Roadways assistant manager while taking bribe )
9000 की रिश्वत की मांग की गई
सहायक महाप्रबंधक अनिल सैनी से परेशान होकर मनीष अग्रवाल ने प्रार्थना पत्र 31 जुलाई को दिया था। जब एक परिचालक ने वाहन की कंडीशन को ठीक बताते हुए उन्हें पत्र दिया तो अनिल सैनी ने उनका प्रार्थना पत्र फाड़ दिया था। मनीष अग्रवाल ने बताया कि अनिल सैनी द्वारा उनसे 9000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। जिससे तंग आकर उन्होंने विजिलेंस को इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद शिकायत पर विजिलेंस टीम ने सहायक महाप्रबंधक को रंगे हाथों पकड़ लिया। वहीं विजिलेंस सीओ हल्द्वानी अनिल मनराल ने बताया कि उत्तराखंड परिवहन निगम के काशीपुर डिपो के सहायक महाप्रबंधक अनिल कुमार सैनी को 9000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। वहीं सहायक महाप्रबंधक के घर की भी तलाशी ली जा रही है। ( Bribe of Nine thousand rupees )