देहरादून: भारतीय क्रिकेट की मजबूती का एक बड़ा कारण यहां की घरेलू प्रतियोगिताओं का बेहतर होना है। आयोजन से लेकर गुणवत्तापूर्ण मुकाबले ही खिलाड़ियों को आगे के लिए तैयार करते हैं। कोरोना के मद्देनजर इस बार बड़े एहतियातों के साथ आयोजन किया जाना है। इन्हीं एहतियातों के चलते उत्तराखंड को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले कराने से बीसीसीआइ ने मना कर दिया है।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने विजय हजारे ट्राफी के लिए तिथि की घोषणा कर दी है। इसके मैच आगामी 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच खेले जाने हैं। बता दें कि सीएयू ने भी इसकी मेजबानी के लिए आवेदन किया था। मगर सीएयू को बीसीसीआइ की ओर से बड़ा झटका लगा है।
दरअसल प्रतियोगिता के मुकाबले खेले जाने से पहले उसकी संभावनाएं तलाशने के लिए बीसीसीआइ के संयुक्त सचिव जयेश जार्ज और प्रबंधक क्रिकेट संचालन अमित सिद्धेश्वर छह और सात सितंबर को दून आए थे। तभी उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं को बारीकी से परखा। लेकिन इसी दौरान मुकाबलों के मेजबानी मिलने की राह में होटल राह का रोड़ा बन गए।
बता दें कि कोरोना के कारण सभी प्रतियोगिताएं बायो बबल में रहकर खेली जाएंगी। जिसके लिए कम से थ्री स्टार होटल की जरूरत होगी। इसी के दृष्टिगत उक्त दोनों पदाधिकारियों ने दून में उपलब्ध क्रिकेट मैदानों के साथ सभी प्रमुख होटल का भ्रमण किया। लेकिन, उन्हें 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच सभी थ्री स्टार होटल पहले से बुक मिले।
माना जा रहा है कि विजय हजारे ट्राफी की मेजबानी मिलने पर छह टीमों के मैच देहरादून में कराए जाते। मगर होटलों में बुकिंग ना मिलने से इसे बीसीसीआइ ने कैंसिल कर दिया है। बता दें कि इस बीच जयेश जार्ज और अमित सिद्धेश्वर ने राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का भ्रमण भी किया था।
यहां उन्होंने बड़ी बड़ी घास के साथ कई सारी अव्यवस्थाएं पाईं। नाखुश हुए दोनों पदाधिकारियों को तनुष क्रिकेट एकेडमी का मैदान भी विजय हजारे ट्राफी के मानकों के अनुकुल नहीं लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मैदान अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करता दिखा। बता दें कि इसके लिए मैदान का रेडियस 70 मीटर होना जरूरी है।
गौरतलब है कि 2019-20 में देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी व कसीगा स्कूल के क्रिकेट मैदान पर विजय हजारे ट्राफी के प्लेट ग्रुप के सभी 43 मुकाबले खेले गए थे। मगर इस बार सीएयू की तैयारियों को एक बड़ा झटका लगा है।