नैनीताल: कोरोना के कारण इस बार भी मां नंदा देवी महोत्व को सादगी के साथ ही आयोजित किया जाएगा। महोत्सव आस्था का प्रतीक माना जाता है। इसलिए धार्मिक अनुष्ठान तो विधिवत तौर पर ही किए जाएंगे। लेकिन इस बार शहर में डोला भ्रमण और भंडारा आयोजित नहीं होगा। हालांकि मंदिर में प्रवेश कर और ऑनलाइन तरीके से दर्शन किए जा सकेंगे।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने श्रीराम सेवक सभा पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। गौरतलब है कि नंदा देवी महोत्सव आयोजन करने वाली उक्त संस्था के साथ चर्चा की गई। तय हुआ कि कदली वृक्ष ज्योलीकोट से लाया जाएगा मगर बीते साल की तरह ही कदली वृक्षों के साथ नगर भ्रमण और मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों के साथ डोला नगर भ्रमण नहीं किया जाएगा।
चूंकि कोरोना का खतरा पैदा हो सकता है इसलिए भंडारे का आयोजन भी नहीं होगा। ध्यान रहे कि भक्तजन प्रसाद भी नहीं चढ़ा सकेंगे। सभी पूजन संबंधित कार्य गाइडलाइन की पालना के साथ होंगे। इस वर्ष श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर में एंट्री मिल पाएगी। जिसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस व्यवस्थाएं करने में जुट गई है।
धार्मिक अनुष्ठानों का लाइव टेलेकास्ट किया जाएगा। जिसे कैपिटल सिनेमाहॉल, श्रीराम सेवक सभा और तल्लीताल डांठ पर बड़े एलईडी में दिखाया जाएगा। लोकल टीवी चैनल पर भी प्रसारण होगा। डीएम धीराज गब्र्याल शाम को नयना देवी मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने मेला आयोजन की तैयारियों को जांचने के साथ ही आवश्यक निर्देश प्रशासन और पालिका अधिकारियों को दिये।
ये है पूरा प्रोग्राम
11 सितंबर : महोत्सव उद्घाटन व कदली वृक्ष लाने के लिए प्रस्थान-दोपहर 1:30 बजे
12 सितंबर : कदली वृक्ष आगमन- दोपहर 2:00 बजे
- नयना देवी मंदिर में कदली वृक्ष का स्वागत- शाम 5:00 बजे
13 सितंबर : मूर्ति निर्माण- दोपहर 12 बजे
14 सितंबर : ब्रह्ममुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा पूजन- तड़के 3:00 बजे
- पंच आरती- शाम 6:00 बजे
- रात्रि देवी पूजन- रात 9:00 बजे
- देवी भोग- रात 12:00 बजे
15 सितंबर : सुबह पूजन- 6:00 बजे
- दुर्गा सप्तसती पाठ व हवन- सुबह 10:00 बजे
- कन्यापूजन- दोपहर 1:00 बजे
- पंच आरती- शाम 6:00 बजे
- देवी पूजन- रात 9:00 बजे
- देवी भोग- रात 12:00
16 सितंबर : पूजन सुबह 6:00 बजे
- सुंदरकांड व श्रीनंदा चालिसा- दोपहर- 1:00 बजे
- पंच आरती- शाम 6:00 बजे
- देवी पूजन- रात 9:00 बजे
- देवी भोग- रात 12:00 बजे
17 सितंबर : पूजन- सुबह 6:00 बजे
- देवी पूजन व देवी भोग- सुबह 9:00 बजे
- डोला विसर्जन- शाम- 7:00 बजे