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उत्तराखंड रोडवेज को पहले Fastag से हुआ नुकसान, अब डिपो में पहुंचा पानी मिला डीजल

उत्तराखंड रोडवेज को पहले Fastag से हुआ नुकसान, अब डिपो में पहुंचा पानी मिला डीजल

रुद्रपुर: रोडवेज का घाटा कोरोना के साथ साथ अधिकारियों की लापरवाही की भी देन है। कभी चालक-परिचालक तो कभी कार्यालय में बैठे अफसर अपनी गलती से नुकसान कराते रहते हैं। इस बार ही देख लीजिए, फास्टैग (Fastag) के खाते में पैसे ना होने से हुआ लाखों का नुकसान अभी चर्चा में बना ही था कि अब पानी मिला हुआ डीजल (Water mixed diesel) मिलने का मामला बाहर आ गया है।

दरअसल रुद्रपुर डिपो (Rudrapur depot) में पानी युक्त डीजल पाया गया है। यहां पर इंडियन आयल कंपनी से पहुंचे लाट में एक ड्रम में डीजल मिला, जिसमें पानी मिला हुआ था। जिसके बाद चर्चाओं का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है। गौरतलब है कि हाल ही में टाटा कंपनी ने बसों की खराबी की असल वजह मिलावटयुक्त डीजल ही बताई थी।

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बता दें कि कुछ समय पहले रोडवेज ने उस व्यवस्था को खत्म किया था जिसके तहत बसों के लिए बाहर से डीजल आता था। सभी डिपो पर अपने डीजल पंप (diesel pump) भी लग गए। जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों को कमीशन मिलना भी बंद हो गया। मगर कुछ अधिकारियों ने ऐसा दांव चला कि रोडवेज महीने में दो-तीन बार बाहर से डीजल खरीदता है।

अब होता यह है कि अधिकारी निर्धारित समय पर तेल कंपनी को पैसे नहीं देते तो कंपनी डीजल नहीं देती। चूंकि बाहर से लिए डीजल में कमीशन सेट होता है इसलिए भारी मात्रा में मिलावट भी होती है। जिसका एक उदाहरण बुधवार को रुद्रपुर डिपो में पानी मिले डीजल को देखकर मिल गया। बता दें कि रोडवेज (Uttarakhand roadways) में हर रोज करीब 70 हजार लीटर डीजल की खपत होती है।

रोडवेज महाप्रबंधक (Roadways general manager) दीपक जैन ने जानकारी दी और बताया कि रुद्रपुर डिपो में इंडियन आयल कंपनी (Indian Oil Company) से पहुंचे लाट में एक ही ड्रम में पानी युक्त डीजल मिला। बाकी किसी लाट में ऐसा नहीं देखा गया। कंपनी से शिकायत की गई है। ऐसा कोई मामला पहली बार सामने आया है। इसकी गहनता से जांच की जा रही है।

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