
SpecialIntensiveRevision : SIRUttarakhand : VoterListUpdate : HarishRawat : BJPvsCongress : DuplicateVoter : ElectionPolitics : DehradunNews : UttarakhandPolitics : Uttarakhand News: उत्तराखंड में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही राजनीतिक माहौल गरमाता दिख रहा है। मतदाता सूची की शुद्धिकरण प्रक्रिया को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। भाजपा का दावा है कि SIR के बाद कई बड़े कांग्रेस नेताओं के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं…जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का नाम भी शामिल है।
देहरादून की धर्मपुर विधानसभा सीट के भाजपा विधायक और प्रवक्ता विनोद चमोली ने आरोप लगाया कि हरीश रावत का नाम उनकी विधानसभा की मतदाता सूची में “डुप्लीकेट वोटर” के रूप में दर्ज है। उनका कहना है कि रावत का नाम माजरा क्षेत्र के बूथ नंबर 74 में क्रमांक 717 पर है…जबकि हरीश रावत को इस इलाके में कभी नहीं देखा गया। विनोद चमोली ने कहा कि अपने 40 वर्षों के राजनीतिक अनुभव में उन्होंने रावत को इस क्षेत्र में सक्रिय या निवासी के रूप में कभी नहीं देखा।
भाजपा का कहना है कि यह मामला केवल एक उदाहरण है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा भी इस तरह की दोहरी वोटर आईडी तैयार करने के कई मामले हो सकते हैं। SIR के तहत उन लोगों के नाम हटाए जाएंगे जिनके पास दो-दो जगह वोटर आईडी है…ताकि कोई अवैध तरीके से दो बार मतदान न कर सके। इसके अलावा, SIR अवैध मतदाताओं को भी सूची से बाहर करेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि भाजपा SIR के नाम पर कांग्रेस समर्थकों को बाहर करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस डुप्लीकेट वोट और फर्जी नामों के खिलाफ है…लेकिन प्रक्रिया का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग नहीं होना चाहिए।
हरीश रावत के नाम को लेकर विवाद पर गोदियाल ने कहा कि विनोद चमोली पहले यह साबित करें कि रावत ने धर्मपुर सीट के उस बूथ पर कभी मतदान किया है। यदि यह साबित हो गया तो यह निश्चित रूप से जांच का विषय होगा। उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए झूठे आरोप गढ़ने का भी आरोप लगाया।






