नई दिल्ली: देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस बिपिन रावत एवं वरिष्ठ सैनिक अधिकारियों समेत 13 की हेलीकॉप्टर दुर्घटना (helicopter crash) में मौत होने पर देशभर में शोक की लहर है। इतने बड़े सैन्य अफसर (Army officers) इस तरह से हेलिकॉप्टर क्रैश में चले जाना देशवासियों को सन्न कर गया है। हर कोई उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।
बता दें कि देश में पहली बार सीडीएस (India’s first CDS) की नियुक्ति हुई थी। जनरल बिपिन रावत को ये जिम्मेदारी उनके साहस, गुणों और परिपक्वता को देखते हुए दी गई थी। सीडीएस बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते थे।
उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली। साथ ही कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन (Infantry division) की कमान संभाली। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। फिलहाल के समय भी वह जनरल रावत कई सारे महत्पूर्ण ऑपरेशन का सफल संचालन कर रहे थे।
सीडीएस बिपिन रावत को ना सिर्फ उनकी सैन्य कामयाबियों बल्कि उनके व्यक्तित्व के लिए भी याद किया जाएगा। वह इंसान भले ही सरल थे लेकिन सेना का वर्दी पहनते ही एक सख्त अधिकारी बन जाते थे। एक बार उन्होंने देश के दुश्मनों (Enemies of India) के लिए कहा था कि, “पहली गोली हमारी नहीं होगी, मगर इसके बाद हम गोलियों की गिनती भी नहीं करेंगे।”
गौरतलब है कि एक लंबे अरसे के बाद सेना का शीर्ष अधिकारी इतनी बड़ी बात कह रहा था। यही तो कारण था कि उन्होंने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical strike) को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। वह जनरल बिपिन रावत ही थे जिन्होंने इस स्ट्राइक में सबसे अहम भूमिका निभाई थी।
जनरल रावत ने अपने शानदार करियर (Outstanding carrier) में परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना पदक, विशिष्ट सेवा मेडल समेत कई सम्मान हासिल किए। उन्होंने कई कठिन सैन्य जरूरतों के वक्त चुनौतियों को सफलता में बदलने का काम भी किया था। आज पूरा देश बिपिन रावत को नमन कर रहा है।