
PregnantWomanDeath: UttarakhandHealthCrisis: ReferralIssue: Tehri: Uttarakhand News: उत्तराखंड में लचर स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक और गर्भवती महिला की मौत हो गई, जिसने भिलंगना ब्लॉक में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला को सीएचसी बेलेश्वर से हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया था। परिजन उन्हें निजी वाहन से ले जा रहे थे, लेकिन ढाई घंटे की यात्रा के दौरान फकोट के पास उनकी मौत हो गई।
भिलंगना ब्लॉक के चमियाला क्षेत्र के श्रीकोट गांव निवासी नीतू पंवार (24 वर्ष) आठ माह की गर्भवती थीं। उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। सुबह करीब 9 बजे परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) बेलेश्वर ले गए। डॉक्टरों ने उनकी जांच के बाद बताया कि नियमित जांच न होने के कारण नीतू के शरीर में गंभीर सूजन (एडिमा) और ब्लड प्रेशर में वृद्धि हो गई थी। सुरक्षा को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया।
परिजनों का कहना है कि CHC में दिए गए उपचार और इंजेक्शन के बावजूद उन्हें कहा गया कि रास्ते में किसी भी अस्पताल पर दिखा लें। इसी कारण उन्होंने निजी वाहन से नीतू को ले जाने का निर्णय लिया। फकोट के पास यात्रा के दौरान नीतू की मौत हो गई। उनके पति दीपक पंवार बहरीन में नौकरी करते हैं।
रेफर के दौरान हुई तीसरी मौत
स्थानीय लोग और परिजन बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में इसी क्षेत्र से रेफर के दौरान तीन प्रसूताओं की जान जा चुकी हैं…..
सितंबर में अनीशा रावत की मौत
अक्टूबर में रवीना कठैत की मौत
अब 18 नवंबर को नीतू पंवार की मौत
चिकित्सा प्रभारी CHC बेलेश्वर डॉ. शिव प्रसाद भट्ट ने कहा कि नीतू की नियमित जांच नहीं हुई थी…जिसके कारण शरीर में सूजन और बीपी वृद्धि हुई। इन्हीं कारणों से सुरक्षा के दृष्टिगत हायर सेंटर भेजा गया था।
तीन सदस्यीय जांच टीम गठित
गर्भवती महिला की मौत के बाद सीएमओ डॉ. श्याम विजय ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है। टीम में शामिल हैं…..
एसीएमओ डॉ. जितेंद्र भंडारी
जिला अस्पताल बौराड़ी के इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एस मोहन सती
गायनोलॉजिस्ट डॉ. पूर्वी भट्ट
टीम को एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। जांच में प्रसव-पूर्व इतिहास किए गए परीक्षण, CHC में दिए गए उपचार और रेफर प्रक्रिया सहित सभी पहलुओं का विश्लेषण किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बार-बार रेफर और लंबी दूरी के कारण समय पर उचित उपचार नहीं मिल सका। पिछले कुछ महीनों में इसी क्षेत्र से तीन प्रसूताओं की मौत रेफर के दौरान हो चुकी है।






