देहरादून: उत्तराखण्ड के सीएम त्रिवेंद्र रावत का जनता दरबार पूरे देश में सुर्खियां बन गया है। तबादला ना होने से नाराज प्राइमरी की शिक्षिका सीएम रावत के जनता दरबार पर पहुंची। दरबार में सीएम जनता की परेशानी को सुनते है और उसके बाद उसकों हल करने के कदम उठाए जाते हैं। महिला ने जनता दरबार पर पहुंचते ही सीएम के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की। सीएम रावत ने उन्हें शांत रहने की नसीहत दी लेकिन वो चुप नहीं हुई और उन्हें अब्शब्द कहने लगी। सीएम ने शिक्षिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर वह हंगामा करना बंद नहीं करती हैं तो उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। लेकिन सीएम की इस चेतावनी का भी शिक्षिका पर कोई असर नहीं हुआ और वह लगातार हंगामा करती रहीं। इसके बाद गुस्से में सीएम ने पहले अधिकारियों को शिक्षिका को निलंबित करने का आदेश दिया और इसके बाद पुलिस अधिकारियों को शिक्षिका को हिरासत में लेने के निर्देश भी दिए।
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बताया जा रहा है कि हंगामा करने वाली शिक्षिका उत्तरकाशी से जनता दरबार पर पहुंची थी। शिक्षिका का नाम ऊर्जा बहुगुणा है और वह गुरुवार को सीएम आवास पर अपने तबादले की मांग लेकर पहुंची थी। इसी बीच जब शिक्षिका की मांग का समाधान ना हुआ तो उन्होंने जनता दरबार के बीच ही सीएम को अपशब्द कहना शुरू कर दिया। शिक्षिका के द्वारा हंगामा करने के कारण काफी देर तक सीएम आवास पर अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। बताया जा रहा है कि शिक्षिका दुर्गम जगह पर तैनात है और वो अपना तबादला देहरादून कराने के पक्ष में थी।
इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई लोग सीएम रावत को महिला के व्यवहार का जिम्मेदार करार दे रहे हैं, वहीं कई लोग ये भी कह रहे हैं कि महिला खुद एक शिक्षिका है और उन्हें अपने शब्दों पर काबू रखना चाहिए।