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यमुना एक्‍सप्रेस-वे : सड़क हादसों में एम्स के डॉक्टरों समेत पांच लोगों की मौत , 27 लोग घायल


नोएडा: 18 मार्च 2018

हादसों के लिए बदनाम हो चुके दिल्ली और आगरा के बीच बने यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। रविवार को तड़के एक्सप्रेस-वे पर हुए दो बड़े हादसों ने इसकी सुरक्षा पर फिर से प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। इन दोनों बड़े हादसों में एम्स के तीन डॉक्टरों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि इन दोनों हादसों में तकरीबन 27 लोग घायल हैं।

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पहला दर्दनाक हादसा मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुआ, जिसमें थाना सुरीर कोतवाली इलाके में माइल स्टोन 88 के पास एक तेज रफ्तार इनोवा कार कन्टेनर से जा भिड़ी, इस हादसे में एम्स के 3 डॉक्टरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 अन्य डॉक्टर गंभीर रूप से घायल बता जा रहे हैं। घायल डॉक्टरों को इलाज के लिए एम्स लाया गया है।

मरने वाले डॉक्टरों को नाम डॉक्टर हर्षप्रीत डॉक्टर हर्षद और डॉक्टर हेमलता बताए जा रहे हैं ।

वहीं, दूसरे हादसे में भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला। यहां पर दनकौर थाना क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे से रोडवेज की बस 30 फुट नीचे जा गिरी। इस हादसे में 2 की मौत हो गई, जबकि 23 यात्री घायल हैं। घायलों में 4 बच्चे भी हैं। बस औरैया से नोएडा आ रही थी।

 यमुना एक्‍सप्रेस वे करीब 165 किमी लंबा है। यह देश का सबसे लंबा छह लेन का एक्‍सप्रेस वे है। इसके बनने की शुरुआत दिसंबर 2007 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री मायावती ने की थी। 9 अगस्‍त 2012 को यूपी के तत्‍कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसे जनता को बड़ी उम्‍मीदों के साथ सौंपा था। ग्रेटर नोयडा से शुरू होकर यह एक्‍सप्रेस वे आगरा तक जाता है। इसमें कोई शक नहीं कि इस एक्‍सप्रेस वे के बन जाने से आगरा की दूरी बेहद कम हो गई है लेकिन हादसों में भारी बढ़ोतरी हुई है ।
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