
देहरादून-रुड़की विकास प्राधिकरण ने ग्रामीण इलाकों के लोगों को बड़ी राहत देने वाला फैसला लिया है। अब नगर निकाय की सीमा से बाहर बसे गांवों के पुराने आबादी वाले क्षेत्रों में मकान बनाने या मरम्मत कराने के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं होगा। यानी लोग बिना नक्शा पास कराए भी अपना घर बना सकेंगे।
गुरुवार को हुई प्राधिकरण की 84वीं बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके तहत श्रेणी छह-दो की भूमि में आने वाले गांवों में बने या बनने वाले मकानों पर नक्शा पास कराने की बाध्यता नहीं रहेगी। यह फैसला शासन को भेजा गया है और उम्मीद की जा रही है कि मंजूरी मिलते ही यह नियम लागू हो जाएगा।
इससे उन ग्रामीण परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, जो लंबे समय से गांवों में रह रहे हैं और जिनके मकान नक्शा पास न होने की वजह से अवैध माने जाते थे। नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में अब तक उन्हें वक्त और पैसा दोनों खर्च करने पड़ते थे। कभी-कभी दस्तावेज पूरे न होने पर उनका निर्माण रुकवा दिया जाता था।
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य विकास को गति देना है, न कि लोगों को बेवजह की प्रक्रियाओं में उलझाना। पुराने आबादी वाले क्षेत्रों को नक्शा पास कराने से छूट देना जनहित में है और इससे लाखों ग्रामीणों को राहत मिलेगी।
हालांकि प्राधिकरण ने शहरी क्षेत्रों में आवासीय नक्शे लेकर व्यवसायिक उपयोग पर चिंता भी जताई है। श्रवणनाथ नगर, भूपतवाला, सप्तसरोवर और शिवालिक नगर जैसे इलाकों में अगले एक माह तक कोई भी नया नक्शा स्वीकृत नहीं किया जाएगा। साथ ही इन क्षेत्रों में निगरानी भी बढ़ा दी गई है ताकि आवासीय भवनों का गलत इस्तेमाल रोका जा सके।

