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कठनौली के रोहित ने सब्सिडी का लिया लाभ, मत्य पालन कर चंपावत में बने उदाहरण

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Champawat: Rohit Mahar: Swarojgar: Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी और स्व-रोज़गार आधारित योजनाएँ अब पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं। सरकारी दावों से परे, ये योजनाएँ अब धरातल पर दिखाई देने वाले परिणाम दे रही हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है जनपद चम्पावत के ग्राम कठनौली के युवा रोहित सिंह महर, जिन्होंने वर्ष 2022 में मत्स्य पालन विभाग की योजना का लाभ उठाकर अपनी आजीविका को नई दिशा दी।

पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित संसाधनों और कम रोजगार अवसरों के कारण युवाओं को अक्सर गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करना पड़ता था। लेकिन सरकार की 50 प्रतिशत सब्सिडी आधारित क्लस्टर तालाब निर्माण योजना ने रोहित जैसे युवाओं के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोले। योजना के तहत विभाग ने न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की, बल्कि तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण एवं बाजार से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे रोहित को मत्स्य उत्पादन बढ़ाने और व्यवसाय को स्थायी रूप से आगे बढ़ाने में मदद मिली।

रोहित महर ने अपने परिश्रम, सीखने की इच्छा और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर आज मत्स्य पालन को अपनी मुख्य आजीविका बना लिया है। वर्तमान में वह प्रतिमाह ₹25,000 से ₹30,000 तक की स्थायी आय अर्जित कर रहे हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के आर्थिक स्तर को मजबूत कर रही है, बल्कि उन्हें गांव के अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बना रही है।

उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि योजनाएँ सही तरीके से पात्र लाभार्थियों तक पहुँचें, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में कोई बाधा नहीं। रोहित की कहानी यह संदेश देती है कि सरकारी योजनाओं और व्यक्तिगत प्रयासों का सही संयोजन पर्वतीय क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता की नई मिसालें स्थापित कर सकता है।

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