नई दिल्ली-नोटबंदी के बाद से देश भर के बैंकों में जमा हुए धन पर सरकार ने कार्य करना शुरू कर दिया है। बैंक में जमा हुई अघोषित आय पर टैक्स वसूलने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में इनकम टैक्स संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल के अनुसार 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किए जाने के बाद जमा की गई अघोषित आय पर 30 प्रतिशत कर, 10% पेनॉल्टी और 33 पर्सेंट सरचार्ज लिया जाएगा। बता दें कि ये सरचार्ज कुल टैक्स पर वसूला जाएगा जो 13 पर्सेंट के करीब होगा। इस सरचार्ज को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस का नाम दिया गया है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति खुद रकम की घोषणा नहीं करता है और आयकर विभाग पकड़ता है तो इस राशि पर 75 पर्सेंट टैक्स और 10 पर्सेंट पेनॉल्टी लगेगी। इस बिल की सबसे खास बात यह है कि 2.5 लाख रुपए से अधिक की अघोषित आय के 25 पर्सेंट हिस्से को सरकार गरीब कल्याण योजना के फंड में जमा किया जाएगा। इस राशि को शिक्षा, स्वास्थ्य और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा। इस स्कीम को पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत लॉन्च किया गया है। सरकार ने अघोषित आय पर करीब 75 पर्सेंट टैक्स लगाने का फैसला लिया है, जबकि बाकी बची 25 पर्सेंट रकम को निकाला जा सकेगा। गरीब कल्याण योजना के तहत खर्च होने वाली राशि को घर, सिंचाई और शौचालय में खर्च किया जाएगा।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद से बैंकों के पास करीब 6.50 लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। वित्त मंत्री ने सोमवार को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में इनकम टैक्स संशोधन बिल पेश किया। 8 नवंबर की रात को हुए नोटबंदी के ऐलान के बाद हुए लेन-देन पर यह कानून लागू होगा। इस संशोधन को ब्लैक मनी रखने वालों के लिए एक और मौके की तरह देखा जा रहा है। आपको बता दें कि बिल में नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा रकम पर कितना जुर्माना लगाना है इस बारे में साफ किया गया है। इस बिल को मनी बिल की तरह पेश किया गया जिससे राज्यसभा में बिल के पास होने में समस्या नहीं होगी।
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