नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) की आगामी दो नवबंर को प्रस्तावित राष्ट्रीय परिषद की पांचवी बैठक में वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास का नाम शामिल नहीं किया है। जिसको देखते हुए कुमार विश्वास और विधायक अमानतुल्ला खान के बीच आपसी विवाद के कारण हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब पांच वर्ष पुरानी इस पार्टी में संस्थापक सदस्यों को नजरअंदाज किया गया है। इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के नजदीकी माने जाने वाले योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण समेत कई अन्य नेताओं को निष्कासित किया जा चुका है। विश्वास ने पार्टी परिषद की बैठक की सूची में उनका नाम नहीं शामिल किए जाने के मसले पर एक टेलीविजन के साथ बातचीत में कहा कि बैठक में वक्ताओं की सूची में वह नहीं हैं किंतु वह सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर बैठक में शिरकत करने जाएंगे। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ले जाएंगे। हालांकि उन्होंने श्री खान का पार्टी से निलंबन वापस किए जाने के मसले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
ऐसा माना जा रहा है कि परिषद की बैठक में यह मामला तूल पकड़ सकता है। परिषद की सूची में यह मुद्दा शामिल नहीं है, लेकिन पार्टी में विश्वास के योगदान और उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें किनारा किए जाने का मामला गरमा सकता है। परिषद की बैठक के लिए पार्टी ने जो आधिकारिक बयान जारी किया है उसमें आप के मिशन विस्तार का खाका खींचने पर मंथन होगा। देश के वर्तमान राष्ट्रीय परिश्य पर भी बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार की बैठक का संचालन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया करेंगे।
पार्टी प्रवक्ता आशुतोष दल कार्यकर्ताओं और जनता के मध्य संवाद को मजबूत करने के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे। संजय सिंह देश के आर्थिक माहौल पर राय रखेंगे। मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक समापन भाषण देंगे। विश्वास ने बैठक में शिरकत होने का न्यौता मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मैं बैठक में शामिल होने जाऊंगा। अगर बोलने का मौका दिया गया तो अपनी बात रखूंगा। खान ने विश्वास को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का एजेंट बताया था। इसके बाद खान को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था और एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट के बाद श्री खान का निलंबन रद्द किया गया है।