नई दिल्ली: खेल के मैदान पर किसी खिलाड़ी को नजरअंदाज करना उसके लिए सबसे बुरा दौर होता है। ऐसे वक्त में प्रदर्शन के साथ वापसी और अपनी पहचान दोबारा स्थापित करने की लड़ाई खिलाड़ी को लड़नी पड़ती है। ऐसा ही कुछ उत्तराखण्ड के उन्मुक्त चंद के साथ हुआ। उन्मुक्त ने शायद ही सोचा होगा कि पहले रणजी और फिर की निलामी में उन्हें नजरअंदाज किया जाएगा। भारत को 2012 में अंडर-19 विश्वकप का खिताब दिलाने वाले चंद को भारत का भविष्य कहा जाने लगा था। चंद लंबे वक्त से फॉर्म से बाहर चल रहे थे और इस कारण से उनकी टीम से छुट्टी कर दी गई। विजय हजारे ट्रॉफी में चंद के बल्ला खूब बोल रहा है। उन्होंने अपने आप को एक फिर रन मशीन कहलवाने में लोगों को मजबूर कर दिया है। विजय हजारे ट्रॉफी में चंद की बल्लेबाजी एक गुस्से की तरह दिखाई दे रही है।
विजय हजारे ट्रॉफी के एक मुकाबले में चंद के अर्धशतक के बदौलत दिल्ली ने बंगाल को 89 रन से हराकर लगातार चौथी जीत हासिल की। दिल्ली की जीत ने उसे नॉक आउट में स्थान बनाने का मजबूत दावेदार बना दिया है। बता दें कि इस प्रतियोगिता में उन्मुक्त ने अभी तक एक शतक और तीन अर्धशतक लगा दिए है। दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए उन्मुक्त (90) और नीतीश राणा (48) की पारियों की बदौलत 8 विकेट पर 282 रन बनाए।
सलामी बल्लेबाज हितेन दलाल और मिलिंद कुमार ने भी 38-38 रन की पारियां खेली। बंगाल की ओर से बी अमित ने 52 रन देकर 4 और कनिष्ठ सेठ ने 57 रन देकर 2 विकेट चटकाए। बंगाल की टीम इसके जवाब में सुबोथ भाटी (38 रन पर तीन विकेट), कुलवंत खेजरोलिया (30 रन पर तीन विकेट) और पवन नेगी (27 रन पर 2 विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 41 ओवर में 193 रन पर सिमट गई। बंगाल की ओर से अच्छी फॉर्म में चल रहे अभिमन्यु ईश्वरन ने सर्वाधिक 67 रन बनाए। अनुष्टुप मजूमदार (31) और ऋत्तिक चटर्जी (27) अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में नाकाम रहे। दिल्ली की टीम चार मैचों में चार जीत से 16 अंक जुटाकर शीर्ष पर चल रही है।