भवाली:नीरज जोशी:पहाड़ो में हर जगह चिकित्सालयों कीं हालत गंभीर बनी हुई है। अस्पताल खोले तो जाते है पर उनकी मरम्मत का जिम्मा कोई नहीं लेता। ऐसा ही हाल भवाली राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का भी है। 2007 में बनने के बाद इन दस सालो में अब तक प्रशासन ने ध्यान तक नहीं दिया आज स्थिति ऐसी है कि चिकित्सालय का भवन कहि से टपक रहा है तो कही से टूट चूका है लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर नही है भवाली आयुर्वेदिक चिकित्सालय में कभी देखा तक नहीं कि वो किस हालत में है।
मंगलवार को हल्द्वानी लाइव से बात कर आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ सुरुचि सिंह ने बताया कि चिकित्सालय कि हालत बहुत खराब है। जबसे इसकी नीव सरकार ने रखी हैं। तब से अबी तक इसकी कोई रिपेयरिंग नहीं हुई है। जिससे मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। उन्होंने बताया कि ज्यादा बारिश में छत टपकने से मरीज परेशान हो जाते है। इस छेत्र में एक मात्र आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं जिस पर मरीजो को भरोसा है। उनका कहना था। कि अभी हमने कार्यवाही के लिए प्रशासन को पत्र लिखा है।
तीन लाख पचास हजार का स्टीमेट बनाकर ग्रामीण निर्माण विभाग को भेजा है। वही मरीजो ने बताया कि इस पुरे छेत्र में एकमात्र आयुर्वेदिक चिकिसालय होने से हम सब का एक मात्र सहारा है। उन्होंने कहा पहाड़ो में हर जगह अस्पतालों में डाक्टरो की कमी है और सही से इलाज भी नहीं हो पाता इसके बाद मरीजो के लिए एक मात्र आयुर्वेदिक उपचार का सहारा रह जाता है। लेकिन इस पर भी प्रशासन ध्यान तक नही देता।