सन २०१८ आते-आते
देखो प्यार के रंग -ढंग न्यारे
लड़की ने लड़के को ढूँढा
प्यार नहीं एक बकरा ढूँढा
पैसा गाड़ी रुतवा देखा
शॉपिंग ,मोबाईल ,पार्टीवाला
उसमें हुनर टटोला
लड़कों को भी वही लड़कियां भातीं
जो लटके-झटके
पल-पल खूब दिखातीं
हेलो जान ! कहकर
इनको दिनरात चलातीं
तू मुझसे झूठ बोल अनोखे
मैं तुझे झूठ की गोली दूँ
बस ऐसे ही होती दोनों में
रोज-रोज ही हू तू – तू
बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड की बहती धारा में
ये भी अपने हाथ हैं धोते
फिर दोनों की मर्जी हो जाये !
खुद को साबित कर दिखाएँ
खेल-खेल में शारीरिक संबंध बनायें
अब करने को बचा भी क्या ?
सो एकदूसरे को छोड़ दिया
ब्रेकअप पार्टी मनाई खूब
ज्यों कपड़ों से झाड़ी धूल
शुरू किया फिर सफर नया
ढूंढ लिया फिर नया बकरा ।