नैनीताल: 18 मार्च 2018
पिता का रिश्ता अपने बच्चों के साथ शब्दों में नहीं बताया जा सकता। पिता बच्चों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। लेकिन कपकोट में एक पिता ने सभी रिश्तों को शर्मसार किया। ये पिता तो अपने बच्चों के लिए किसी कलंक से कम नहीं है। पहले अपनी बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया और उसके बाद बेटे की हत्या कर दी। जिसने भी ये घटना सुननी उसने एक ही चीज कही, ऐसा बाप होने से अच्छा है ना ही हो।
मामला कपकोट तहसील के एक गांव का ग्रामीण जहां पिता अपनी 13 वर्षीय बेटी को दो साल से हवस का शिकार बना रहा था। इस बारे में परिवार वालों को भी पता था। कोई विरोध करता था वो घर में मारपीट की जाती थी। आरोपी के इस रूप से डरकर पत्नी भी मायके रहने लगी।
एक दिन आरोपी के बेटे ने अपनी बहन को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। उसने इसका विरोध किया तो बाप गुस्से से पागल हो गया। उसने अपने बेटे की इतनी बुरी तरह से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद मां ने अपने बच्चों को इंसाफ दिलाने की ठान ली। उसने 29 मार्च 2017 को कपकोट थाने में उसके पिता के खिलाफ बेटे की हत्या और बेटी से दुराचार करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
इस तहरीर पर सुनवाई करते हुए पिता को विशेष सत्र न्यायाधीश हीरा सिंह बोनाल ने 15 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने जुर्माने की धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं।पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ हत्या, पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मामले की जांच करते हुए एसआई मोहन चंद्र पलड़िया ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आबिद हसन और विशेष लोक अभियोजक खड़क सिंह कार्की ने 10 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किए।
पीड़िता, गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त पर दुष्कर्म का दोष साबित हो गया। अदालत ने अभियुक्त को 15 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। लेकिन आरोपी के खिलाफ अपने बेटे की हत्या का मामला अभी साबित नहीं हुआ है।