भुवनेश्वर। राजधानी के सम अस्पताल में भर्ती मरीजों ने को क्या पता था कि जिस अस्पताल में वो अपने आप को ठीक करने की कोशिश कर करे वो ही उनकी मौत का कारण बन जाएगा। सम अस्पताल में देर रात लगी आग से 23 मरीजों की मौत और करीब 150 से ज्यादा लोग हुए है।अस्पताल की पहली मंजिल पर बने डायलिसिस वॉर्ड में बिजली शॉर्ट सर्किट के कारण अाग लगी, जो पास के आईसीयू और बाकी के वार्डों में फैल गई। आग लगने के कारण अस्पताल से 47 मरीजों को एम्स अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। स्थानीय कैपिटल अस्पताल के अधीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि अभी तक 14 शवों निकाल लिया गया है जबकि पांच और शवों को सम अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाया गया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए सभी सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सम अस्पताल से लाए गए मरीजों इलाज जरूर करें, साथ ही उन्होंने सभी मरीजों को सभी जरूरी सुविधा देने का निर्देश भी दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर ‘गहरा दुख’ व्यक्त किया है। मोदी ने घटना को ‘दिमाग को झकझोरने वाला करार दिया। मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘ओड़िशा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं, यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है, मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।’ उन्होंने यह भी लिखा, ‘स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को एम्स में भर्ती कराने का इंतजाम करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा ‘मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी बात की है और उनसे घायलों और प्रभावितों के लिए हर संभव मदद देने को कहा है।’ इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र इस मामले में ओड़िशा को हर संभव मदद देगा।