हल्द्वानी: एक मेडिकल स्टोर में शिकायत के बाद चैकिंग करने पहुंचे हरिद्वार के डीएम दीपक रावत को ऐसी जानकारी मिली जिससे वह दंग रह गए। डीएम को मेडिकल स्टोर पर नशे की दवा बिकने की शिकायत मिल रही थी और बिना देरी किए वह स्टोर पर पहुंच गए।स्टोर पर नशे की दवा तो नहीं मिली, लाइसेंस किसी अन्य व्यक्ति के नाम मिलने और दवा बेचने वाला युवक दसवीं पढ़ा लिखा होने पर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया। जिलाधिकारी ने ड्रग इंस्पेक्टर का स्पष्टीकरण तलब किया है।
दरअसल डीएम रावत को डाक में माध्यम से किसी ने इस बारे में जानकारी दी थी। जब डीएम दीपक रावत पुराना रानीपुर मोड़ पर स्थित आर्य मेडिकल स्टोर पहुंचे तो बड़ी जानकारी सामने आई। डीएम की चैकिंग में सामने आया कि मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जलालु खान के नाम पर है। पता चला कि जलालु खान पिछले 6 साल से दुबई में रह रहा है और उसके नाम पर लाइसेंस लगातार रिन्यूवल होता रहा है।
दुकान में बैठा विनय झा फर्जी तरीके से दवा बेज रहा था वह 10वीं पास भी नहीं है। बता दे कि नियमानुसार मेडिकल स्टोर पर फार्मेसिस्ट डिग्रीधारक ही दवा बेच सकता है। डीएम रावत ने बिना देरी करते हुए मेडिकल स्टोर को तत्काल सील कर दिया। डीएम को चैकिंग के दौरान एक महिला ने जानकारी दी कि स्टोर पर नशे की दवा बेची जाती है। इसी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदकर उनके सेवन से उसका पुत्र नशेड़ी हो गया है और अपना जीवन बर्बाद कर लिया है। शिकायत करते थे तो मेडिकल संचालक दबंगई दिखाता था।जिलाधिकारी ने बताया कि ड्रग विभाग से इसकी दवाओं की जांच करायी जाएगी। डीएम दीपक रावत ने कहा कि मेडिकल स्टोरों पर भारी अनियमितता लगातार सामने आ रही है। प्रशासन इससे गंभीरता से ले रहा है। कई मेडिकल स्टोर अन्य फार्मेसिस्टों के नाम से संचालित होने की शिकायत भी उनके पास है। अन्य अनियमितताओं पर समस्त मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस के साथ दवाओं की जांच कराई जाएगी।
वीडियो सोर्स- हिन्दुस्तान ( Live Hindustan)