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शैमफॉर्ड स्कूल का मॉर्डन विज़न, प्रैक्टिकल बेस पढ़ाई से होगी छात्रों की नींव मजबूत


हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ सभी कामकाज से लेकर पढ़ाई करने का तरीका भी बदल गया है। स्कूलों में पढ़ाई को स्मार्ट बनाने के लिए डिजिटल लर्निंग पर फोकस किया जाने लगा है। बेसिक वहीं हैं लेकिन उन्हें पढ़ने और पढ़ाने का तरीका थोड़ बदल गया है जो मौजूदा वक्त के हिसाब से काफी जरूरी माना जा रहा है।

हल्द्वानी मोतीनगर स्थित शैमफॉर्ड स्कूल भी छात्रों को डिजिटल दुनिया के बारे में अवगत करा रहा है और उसी दिशा में शिक्षा प्रणाली को मॉर्डन बना रहा है। शैमफॉर्ड स्कूल ने काफी कम वक्त में अपनी इस मॉर्डन सोच से शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में अपना नाम दर्ज कराया है। शैमफॉर्ड स्कूल अपने छात्रों को किताबी पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी फोक्स कर रहा है।

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इस पर चेयरमेन दयासागर बिष्ट के अनुसार प्रैक्टिकल चीजों को समझने में खासा मदद करता है बड़े छात्र इसे समझते है लेकिन छोटी उम्र से प्रैक्टिकल बैस पढाई की जाए तो नींव मजबूत रहती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि टीवी देखने के दौरान बच्चों को डायलोग जैसी चीजें याद रहती है। अगर पढ़ाई भी विजुअल के साथ की जाए तो माइंड में अच्छी तरह से बैठती है। उन्होंने कहा कि छात्रों को नई-नई चीजों से अवगत करना जरूरी हो गया है क्योंकि मौजूदा वक्त में ऑलराउंडर की तलाश है जो बढ़ते वक्त के साथ बढ़ रही है।

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