हल्द्वानी: हल्द्वानी शहर कुमाऊं की शान तो है ही अब वो अपनी जमीन में देश के इतिहास के पन्नों को भी लोगों के सामने प्रस्तुत करेंगा। स्वतंत्रता दिवस के दिन हल्द्वानी को प्रदेश का सबसे बड़ा तिरंगा लगाने का सौभाग्य मिला था और अब साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में दुश्मन की हवा फुस करने वाली भारतीय सेना का विजयंत टैंक हल्द्वानी के सीने को शान से चौड़ा करेगा। एक विजयंत टैंक का हल्द्वानी शहर में आंगमन हो गया है। गुरुवार रात को नैनीताल रोड पर स्थित पार्क में विजयंत टैंक का स्थापित किया जाएगा। इस कार्य को सफल बनाने के लिए सेना के अधिकारी और नगर निगम के लोग विजयंत टैंक को स्थापित करने की तैयारियों में जुटे रहे।
आपको बता दे कि साल 1971 के युद्ध ने भारत की सेना की ताकत को एक नई पहचान दी। भारतीय सेना ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। इस युद्ध की कामयाबी बाद विश्व के सामने भारतीय सेना का स्वर्णिम जन्म हुआ। इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब 93 हजार सैन्य अधिकारियों-जवानों ने भारतीय सेना के आगे आत्मसमर्पण कर लिया था। जिस जगह पर विजयंत टैंक को स्थापित किया जाएगा उसी के सामने वाले पार्क में देश का तिरंगा शहर को गौरवांवित महसूस कराएगा। आपको बता दे कि इस तिरंगे की ऊंचाई 150 फीट होगी। ये उत्तराखंड के इतिहास का सबसे ऊंचाई में लहराने वाले तिरंगा होगा। तिरंगा जिस स्थान में लगाया जाएगा उसका भूमि पूजन हो चुका है। देश का तिंरगा और सेना की ताकत रहे विजयंत मार्ग से गुजरने वाले हर व्यक्ति को ऊर्जा से भर देगा।